ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक (Rishi Sunak) जी20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए भारत आए हैं। इस दौरान वे मजाकिया मूड में नजर आए। उन्होंने मजाकिया लहजे में भारत के साथ अपने संबंधों को लेकर बात कही है। ऋषि सुनक (Rishi Sunak) ने मजाकिया लहजे में कहा कि भारत के दामाद के रूप में जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेना मेरे लिए वाकई में खास है। ऋषि सुनक ने इंफोसिस के को फाउंडर नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता से शादी किया है।
भारत में 9 और 10 सितंबर को जी20 शिखर सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। इस दौरान राजधानी दिल्ली भव्य तरीके से सजा है। साथ ही दिल्ली की सुरक्षा भी चाक चौबंद है। भारत इस जी-20 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहा है। जी-20 शिखर सम्मेलन में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन सहित कई देशों के नेताओं का दिल्ली में जमावड़ा लग रहा है। कई बड़े नेता आ चुके हैं, कई आ रहे हैं। इस सम्मेलन का हिस्सा बनने के लिए 43 वर्षीय ब्रिटिश भारतीय नेता सुनक अपनी पत्नी के साथ शुक्रवार को दिल्ली पहुंचे।
उन्होंने अपने साथ यात्रा कर रहे पत्रकारों से कहा कि भारत जाने के लिए उत्साहित हूं। उन्होंने कहा कि वह एक ऐसा देश है, जो मेरे दिल के बहुत करीब है। हालांकि, कुछ सालों से मैं वापस नहीं जा पाया हूं। उन्होंने कहा कि पहले आमतौर पर हर साल फरवरी में परिवार के साथ भारत चला जाता था, लेकिन 2020 में चांसलर बनने के बाद समय के अभाव में नहीं जा सका।
ऋषि सुनक ने आगे कहा कि मैंने कहीं देखा कि मुझे भारत का दामाद कहा जाता है। मुझे उम्मीद है कि यह प्यार से कहा गया होगा। उन्होंने कहा कि मैं वापस भारत आने के लिए उत्साहित हूं। अक्षता का भी मेरे साथ होना अच्छा है। वहीं, सुनक ने तीन दिवसीय दौरे पर निकलते हुए ट्वीट किया था कि मैं स्पष्ट मुद्दों के साथ जी-20 शिखर सम्मेलन में जा रहा हूं। इनमें वैश्विक अर्थव्यवस्था को स्थिर करना, अंतरराष्ट्रीय संबंधों का निर्माण करना तथा सबसे कमजोर लोगों का समर्थन करना शामिल है।
ऋषि सुनक के एक प्रवक्ता ने कहा कि ब्रिटेन यूक्रेन के लिए अपना समर्थन दिखाने के लिए हर अवसर का उपयोग करेगा और साथ ही वैश्विक समर्थन को भी बढ़ावा देगा। उन्होंने कहा कि मानवाधिकारों और वास्तव में लोकतंत्र पर रूस के हमले को रोकने में दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका है। हम पुतिन के आक्रमण को समाप्त करने के लिए उस प्रभाव का उपयोग करने के लिए मोदी और अन्य देशों के साथ बैठकें करेंगे।