पेरेंट्स द्वारा बच्चों को बार -बार डाटने का हो सकता गलत परिणाम, जाने कैसे?

पेरेंट्स द्वारा बच्चों को हर छोटी-छोटी बात पर डांटने से वे डिप्रेशन और अन्य मानसिक समस्याओं का शिकार हो सकते हैं।

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सभी पेरेंट्स अपने बच्चों को सही शिक्षा देते और उन्हें सही रास्ते पर ले जाने का हमेशा प्रयास करते है। लेकिन कई बार माता -पिता की गलतियां बच्चों को गलत रास्ते पर ले जा सकती हैं। इन गलतियों में बच्चों को बार-बार डांटना भी शामिल है। कुछ पेरेंट्स को लगता है कि सख्ती से पेश आकर वे अपने बच्चों को सही रास्ते पर ला सकते हैं, लेकिन ऐसा करना बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। इसलिए, बच्चों को स्वतंत्रता दें और उन्हें सही तरीके से समझाएं।

एक अध्ययन में पाया गया है कि पेरेंट्स द्वारा बच्चों को हर छोटी-छोटी बात पर डांटने से वे डिप्रेशन और अन्य मानसिक समस्याओं का शिकार हो सकते हैं। इसलिए, बच्चों को स्वतंत्रता देना और उन्हें सही तरीके से समझाना बेहद आवश्यक है। वही बच्चों को बार-बार डांटने से उनकी मेंटल हेल्थ पर कई तरह से नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। तो आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे कि कैसे नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है आपके बच्चो पर?

बार -बार डांटने से बच्चे खुद को कमजोर महसूस कर सकते

जब आप अपने बच्चो को बार -बार हर छोटी से छोटी बातो पर डाटने लगेंगे तो उनके मेन्टल हेल्थ पर इसका कफी ज्यादा असर पड़ेगा। जहाँ डांटने से बच्चे खुद को कमजोर और नाकारा महसूस कर सकते हैं। वे यह सोच सकते हैं कि वे अच्छे नहीं हैं या वे जो कुछ भी करते हैं वह कभी सही नहीं होता है।

डांटने से बच्चे तनाव में जा सकते

डांटने से बच्चे तनावग्रस्त और चिंतित हो सकते हैं। वे हर समय यह सोचने में व्यस्त रह सकते हैं कि वे क्या गलत कर रहे हैं और वे डांट खाने से बचने के लिए क्या कर सकते हैं। जहाँ कभी -कभी बच्चे गलत रास्तो का चयन कर लेते है। ऐसे में यह बच्चो के लिए काफी नुकसानदायक हो सकता है।

मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं हो जाना

बच्चो को बार-बार डांटने से वे डिप्रेशन और अन्य मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के शिकार हो सकते हैं। वे खुद को नुकसान पहुंचाने या फिर आत्महत्या करने के विचारों को भी महसूस कर सकते हैं। जो की माता -पिता के साथ एक बच्चे के लिए भी यह काफी घातक साबित हो सकता है।

दुसरो के साथ वो नकारात्मक व्यव्हार कर सकते

डांटने से बच्चे सामाजिक कौशल विकसित करने में कठिनाई का सामना कर सकते हैं। वे दूसरों के साथ बातचीत करने से बच सकते हैं और वे नकारात्मक रूप से दूसरों से प्रतिक्रिया कर सकते हैं।

बच्चों को बार-बार डांटने से उनके मानसिक स्वास्थ्य पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि माता-पिता अपने बच्चों को डांटने से पहले सोचें -समझे और उनके लिए क्या सही है और क्या गलत इसका भी हर माता -पिता अवश्य विचार करे। ज़रूरी नहीं की बार -बार डाटने से ही बच्चे सही रास्ते पर जाये प्यार से भी बच्चो को सही रास्ते पर लाया जा सकता है। इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि बच्चों को डाटने से पहले पेरेंट्स सोचे।