मद्रास हाईकोर्ट (Madras High Court) ने सनातन धर्म को लेकर दिए गए बयान पर तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन और ए राजा को राहत दी है। मद्रास हाईकोर्ट ने डीएमके नेताओं के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दिया है। सनातन धर्म को लेकर उदयनिधि स्टालिन, पीके शेखर बाबू को विधायक और डीएमके सांसद ए राजा को सांसद पद से हटाने की मांग को लेकर याचिका दायर की गई थी।
इस याचिका के खिलाफ डीएमके नेताओं ने मद्रास हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की। इस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस अनिता सुमंत की बेंच ने डीएमके नेताओं को राहत देते हुए उनके खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी। वकील पी विल्सन ने कहा कि हिंदू मुन्नानी की टीम ने डीएमके नेताओं के खिलाफ क्यु वारंटो याचिका दायर की थी, जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया।
बीते साल सितंबर में डीएमके नेता और तमिलनाडु सरकार के मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया से करते हुए सनातन धर्म को खत्म करने की बात कही थी। उदयनिधि स्टालिन के बयान पर देश में खूब हंगामा हुआ था। डीएमके नेता के खिलाफ कई एफआईआर हुई थी। हिंदू मुन्नानी नाम के संगठन ने विवादित बयान को लेकर डीएमके नेताओं को पद से हटाने की मांग को लेकर याचिका दायर की थी।
अब हाईकोर्ट ने कहा कि उदयनिधि स्टालिन का बयान गलत था, लेकिन अभी तक उन्हें किसी कोर्ट ने दोषी नहीं माना है। हालांकि, हाईकोर्ट ने कहा कि सनातन धर्म की तुलना एचआईवी, मलेरिया और डेंगू से करना संवैधानिक सिद्धांतों के खिलाफ है। संवैधानिक पद पर बैठे लोगों को विभाजनकारी बयान नहीं देने चाहिए।