Raghav Chadha को दिल्ली हाईकोर्ट से राहत

दिल्ली हाई कोर्ट ने राघव चड्ढा (Raghav Chadha) की याचिका पर अपना आदेश बीते बृहस्पतिवार को सुरक्षित रख लिया था।

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आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा (Raghav Chadha) को दिल्ली हाई कोर्ट से राहत मिली है। राघव चड्ढा (Raghav Chadha) को मौजूदा टाइप-7 सरकारी बंगला खाली नहीं करना होगा। दिल्ली हाई कोर्ट ने निचली अदालत के राज्यसभा सचिवालय की कार्रवाई पर से अंतरिम रोक हटाने के फैसले को रद्द कर दिया है। मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस अनुप जे. भंभानी ने कहा कि राज्यसभा सचिवालय के खिलाफ निचली अदालत द्वारा पारित स्थगन आदेश बहाल रहेगा। यह रोक तब तक लागू रहेगी, जब तक ट्रायल कोर्ट अंतरिम राहत के लिए उनके आवेदन पर फैसला नहीं कर लेता है।

दिल्ली हाई कोर्ट ने राघव चड्ढा (Raghav Chadha) की याचिका पर अपना आदेश बीते बृहस्पतिवार को सुरक्षित रख लिया था। जिसमें उन्हें आवंटित सरकारी बंगले से बेदखल करने से राज्यसभा सचिवालय को रोकने संबंधी एक अंतरिम आदेश को रद्द करने के एक निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी गई थी। कार्यवाही पूरी करने के बाद न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी ने राज्यसभा सचिवालय के वकील से मौखिक रूप से कहा था कि उच्च न्यायालय द्वारा फैसला सुनाए जाने तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए।

राघव चड्ढा (Raghav Chadha) ने निचली अदालत के पांच अक्टूबर के आदेश को चुनौती दी थी। निचली अदालत ने आदेश में कहा था कि राघव चड्ढा (Raghav Chadha) यह दावा नहीं कर सकते कि उन्हें आवंटन रद्द होने के बाद भी राज्यसभा सांसद के रूप में अपने पूरे कार्यकाल के दौरान सरकारी बंगला रखने का अधिकार है। निचली अदालत ने 18 अप्रैल को पारित एक अंतरिम आदेश को रद्द करते हुए यह टिप्पणी की थी, जिसमें राज्यसभा सचिवालय को चड्ढा से सरकारी बंगला खाली नहीं कराने का निर्देश दिया गया था। निचली अदालत ने कहा था कि राघव चड्ढा को उचित कानूनी प्रक्रिया के बिना अंतरिम राहत दी गई थी।

राघव चड्ढा (Raghav Chadha) को पिछले साल छह जुलाई को पंडारा पार्क में ‘टाइप 6′ बंगला आवंटित किया गया था, लेकिन उन्होंने 29 अगस्त को राज्यसभा के सभापति को ज्ञापन सौंपकर ‘टाइप 7′ बंगला आवंटित करने का अनुरोध किया था। इसके बाद उन्हें पंडारा रोड पर एक अन्य बंगला आवंटित कर दिया गया। हालांकि, इस साल मार्च में आवंटन रद्द कर दिया गया।

अप्रैल, 2022 में राज्यसभा सदस्यों के लिए जारी ‘हैंडबुक’ के अनुसार, पहली बार के सांसद होने के नाते राघव चड्ढा को सामान्य तौर पर ‘टाइप-5′ का बंगला आवंटित किया जा सकता है। इसके अनुसार, केंद्रीय मंत्री रह चुके सांसदों, पूर्व राज्यपालों या पूर्व मुख्यमंत्रियों और पूर्व लोकसभा अध्यक्षों को ‘टाइप-7′ बंगलों में रहने का अधिकार है।