आरबीई गवर्नर (RBI Governor) शक्तिकांत दास ने 17 मार्च को अपने सम्बोधन में बैंकों को किसी भी तरह के परिसंपत्ति-देनदारी असंतुलन के प्रति आगाह किया। उन्होंने अमेरिकी बैंकिंग प्रणाली में जारी संकट की ओर ईशारा करते हुए, कहा कि दोनों तरह के अंसतुलन वित्तीय स्थिरता के लिए हानिकारक हैं। RBI Governor ने कोच्चि में आयोजित वार्षिक के पी होर्मिस स्मारक व्याख्यान में कहा कि घरेलू वित्तीय क्षेत्र स्थिर है और महंगाई का बुरा दौर पीछे छूट गया है।
बाहरी ऋण प्रबंध योग्य
गवर्नर शक्तिकांत दास ने विनिमय दरों में जारी अस्थिरता के कारण बाहरी लोन चुकाने की क्षमता पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में जानकारी देते हुए कहा है कि डॉलर की मजबूती से हमारे लिए कोई समस्या नहीं है। हमारा बाहरी ऋण प्रबंध योग्य है इसलिए हमें डरने की जरूरत नहीं है। गौरतलब है कि डॉलर की बढ़ती कीमत उच्च बाहरी ऋण जोखिम वाले देशों के चुनौतियां बनती जा रही है।
G20 अध्यक्षता पर केंद्रित
RBI Governor के सम्बोधन का अधिकतर हिस्सा भारत की G20 अध्यक्षता पर केंद्रित रहा। उन्होंने कहा कि G20 दुनिया की 20 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं का समूह है। जिसको डॉलर की कीमत बढ़ने के कारण उच्च बाहरी ऋण जोखिम वाले देशों की मदद करने के लिए समन्वित प्रयास करने चाहिए। इसके साथ ही G20 को अधिक प्रभावित देशों को जलवायु परिवर्तन वित्तपोषण देना चाहिए।
टिकाऊ वृद्धि पर जोर देना जरूरी
गवर्नर दास ने बताया कि मौजूदा अमेरिकी बैंकिंग संकट साफ तौर पर वित्तीय प्रणाली के लिए निजी क्रिप्टोकरेंसी के जोखिमों को दर्शाता है। वह निजी डिजिटल मुद्राओं के खुले आलोचक रहे हैं। इससे उनके मजबूत नियमों का महत्व पता चलता है, जो अत्यधिक परिसंपत्ति या देनदारी तैयार करने की जगह टिकाऊ वृद्धि पर जोर देते हैं। बीते सप्ताह अमेरिका के दो मध्यमवर्गी बैंक -सिलिकॉन वैली बैंक और फर्स्ट रिपब्लिक बैंक बंद हो गए थे।