राणापुर नगर से 10 किलोमिटर दूर अति प्राचीन हनुमान मंदिर पर हनुमान जन्मोत्सव (Hanuman Janmotsav) के अवसर पर दर्शन के लिए उमड़ी भीड़। घंटो इंतजार कर भक्तो ने किए दर्शन। यहाँ के हनुमान मंदिर पर हनुमान जन्मोत्सव (Hanuman Janmotsav) के अवसर पर प्रतिवर्ष भक्तो का ताता लगता है। हर वर्ष मेले का आयोजन भी होता है, जिसमे दर्शन के साथ ही भक्त-जन झूले, चकरी का भी आनंद लेते है।
मन्दिर को फूलो व गुब्बारों से सजाया गया
हनुमान जन्मोत्सव (Hanuman Janmotsav) के अवसर पर मन्दिर में काफी तैयारिया की गई थी। मंदिर को फूलो की मालाओं से सजाया गया था। वही मंदिर में स्थित राम-लक्ष्मण, सीता जी की मूर्ति व हनुमान जी की प्रतिमा को फूलो व गुब्बारों से सजाया गया। वही मंदिर के भीतर पहुंचने वाले मेंन द्वार को भी काफी अच्छे से सजाया गया। भक्तो को दर्शन में परेशान ना होना पड़े, इसका विशेष ध्यान रखा गया था ।
दूर दराज से आते हैं दर्शनार्थी
अति प्राचीन हनुमान मंदिर काफी प्रसिद्ध मंदिर माना जाता है। यहाँ दूर दराज से रोजाना भक्त जन दर्शन को आते है। यह मंदिर काफी पुराना मंदिर है। भक्तो द्वारा अभी इस मंदिर में काफी सुधार किया गया है। पहले की तुलना में व्यवस्था अभी काफी अच्छी है। यह मंदिर राणापुर से 5 किलोमिटर दूर जोबट मेन मार्ग से थोड़ा सा अन्दर स्थित है।
मेले का भी होता है आयोजन
हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर मेले का आयोजन भी होता है। फल फ्रूट नाश्ते के साथ ही कई प्रकार की दुकानें होती हे। साथ ही कई झूले-चकरी भी होते है, जिसका लुत्फ़ उठाते हुए कई युवक व युवतियां दिखाई दी।
गैर-यात्रा निकाली गई
हनुमान जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। वही आज पास के कई आदिवासी जन मेले में पहुंचते है व साथ में कई टोलिया ढोल लेकर पहुंचते है। आदिवासी गीत नृत्य के साथ ढोल मादल के साथ गैर यात्रा निकाली गई।