रामसेतु (Ramsetu) को ऐतिहासिक स्मारक (Historical monument) के रूप में मान्यता देने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फरवरी के पहले सप्ताह तक अपना रूख बताते हुए शपथपत्र दाखिल करने को कहा है| सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फरवरी के दूसरे सप्ताह में इस मामले पर सुनवाई होगी|
वहीं केंद्र सरकार की तरफ़ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि, इस मामले में सरकार में विचार-विमर्श का दौर जारी है| हम इस मामले में फरवरी के पहले हफ्ते में जवाब दाखिल करेंगे|
याचिकाकर्ता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि पिछली सुनवाई में SG मेहता ने कहा था कि एक दिसंबर तक जवाब दाखिल करेंगे| इस मामले में कैबिनेट सेकेट्री को तलब किया जाना चाहिए|
सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा सालो से मामला अटका हुआ है
सीजीआई डी वाई चंद्रचूड़ ने एसजी से कहा कि सुब्रमण्यम स्वामी कह रहे हैं कि, आपने अपना वादा पूर्ण नहीं किया| 10 नवंबर 2022 को भी सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा था कि वो चार हफ्ते में याचिका पर शपथपत्र दाखिल करे| सुब्रमण्यम स्वामी ने सवाल उठाया कि कई सालों से मामला अटका पड़ा है| सरकार को बस इतना बताना है कि वो रामसेतु को ऐतिहासिक स्मारक घोषित करना चाहती है या नहीं|
स्वामी ने अदातल में रामसेतु का मुद्दा उठाया था
दरअसल, सुब्रमण्यम स्वामी ने साल 2020 में भी रामसेतु को ऐतिहासिक स्मारक के रूप में मान्यता देने की याचिका पर जल्द सुनवाई की डिमांड की थी| सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद़दे पर कहा था कि, इस मामले में तीन महीने बाद विचार किया जाएगा|
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को एक हलफनामा दाखिल करके अपना रुख भी स्पष्ट करने को कहा था| सुब्रमण्यम स्वामी ने सर्वोच्च अदालत में रामसेतु (Ramsetu) का मुद्दा उठाया था| उन्होंने साल 2018 में रामसेतु (Ramsetu) को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की याचिका सुप्रीम कोर्ट में मेंशन की थी|
रामसेतु हिन्दुओ की आस्था से जुड़ा है
केंद्र सरकार रामसेतु मामले पर अपना रुख पहले ही स्पष्ट कर चुकी है| केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपना शपथपत्र दाखिल कर सेतु समुद्रम परियोजना और रामसेतु (Ramsetu) के बारे में कहा था कि समुद्र में जहाजों की आवाजाही को सुगम बनाने के लिए प्रस्तावित सेतु समुद्र परियोजना के लिए रामसेतु को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा|
परियोजना के लिए सरकार कोई दूसरा वैकल्पिक मार्ग निकलेगी| सुब्रमण्यम स्वामी ने अपनी याचिका में कहा है कि रामसेतु लाखों हिन्दुओं की आस्था से जुड़ा है| इसे तोड़ा ना जाये और रामसेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया जाए|