Rampur: लोकतंत्र के सबसे बड़े पर्व यानी लोकसभा के चुनाव की प्रथम चरण की प्रक्रिया को चंद घंटे ही बाकी हैं। इंडिया गठबंधन और भाजपा की अगुवाई वाली राजग एक के बाद एक अपने-अपने प्रत्याशियों के नाम की सूची जारी कर रही है। रामपुर (Rampur) की सीट सपा के खाते में आई है। यहां पर अगर कोई पार्टी हाईकमान है तो वह सिर्फ आजम खान है और यह बात स्थानीय सपाईयों के द्वारा इस चुनाव के बहिष्कार के एलान के बाद साबित भी हो रही है।
उत्तर प्रदेश की लोकसभा रामपुर-7 पर प्रथम चरण में चुनाव घोषित है। नामांकन प्रक्रिया को लेकर अंतिम दौर के चंद घंटे ही बाकी हैं। बावजूद इसके अब तक यहां पर पार्टी प्रत्याशी के नाम की घोषणा नहीं हो सकी है। दिन पहले सपा मुखिया अखिलेश यादव ने सीतापुर की जेल मे पहुंचने के बाद आजम खान से मुलाकात की थी। जिस पर चर्चाओं का बाजार काफी गर्म रहा, जिसका कारण आजम खान का अखिलेश यादव को रामपुर से लोकसभा का चुनाव लड़ने का ऑफर था। तभी से यह कयासबाजी तेज हो चुकी थी कि अखिलेश यादव यहां से चुनाव लड़ेंगे। लेकिन जैसे-जैसे नामांकन प्रक्रिया की समय सीमा समाप्त होती जा रही है वैसे-वैसे यहां के स्थानीय सपाईयों का मूड भी बदलना शुरू हो चुका है।
दरअसल रामपुर (Rampur) के सपा जिला अध्यक्ष अजय सागर और पूर्व लोकसभा प्रत्याशी आसिम राजा ने पार्टी के कैंप कार्यालय पर संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की और इसके बाद उन्होंने अखिलेश यादव की मुश्किलें बढ़ाते हुए खुलेआम चुनाव बहिष्कार का ऐलान कर डाला है। चुनाव बहिष्कार के पीछे बकायदा पूर्व के उपचुनाव में प्रशासन पर ज्यादतियों का आरोप लगाते हुए तर्क दिया गया है।
सपा के दोनों स्थानीय नेताओं की चुनाव बहिष्कार की घोषणा आजम खान की मंशा बताई गई है। चुनाव बहिष्कार की घोषणा से एक बात तो साबित हो गई है कि समाजवादी पार्टी की कमान भले ही पूरे प्रदेश या देश में अखिलेश के हाथों में हो लेकिन रामपुर (Rampur) में तो सिर्फ सिक्का आजम खान का ही चलता है। अब देखने वाली बात होगी अखिलेश यादव रामपुर की सपा के द्वारा लिए गए चुनाव बहिष्कार के निर्णय पर क्या कदम उठाएंगे।