रामपुर: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट के द्वारा 1 नवंबर को फैसला सुनाते हुए सपा नेता आज़म खान के मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट को दी गई सरकारी जमीन एवं इमारत की लीज को समाप्त कर दिया गया है। इसके बाद यहां पर स्थापित रामपुर पब्लिक स्कूल (Rampur Public School) एवं सपा कार्यालय को 7 दिन के भीतर नोटिस के माध्यम से खाली करने का समय भी दिया गया है।
उत्तर प्रदेश में वर्ष 2017 से काबिज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार के द्वारा सपा नेता एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान पर लगातार कानूनी शिकंजा कसा जा रहा है। उन पर लगभग 84 मुकदमे दर्ज हैं तो वहीं उनके बेटे अब्दुल्लाह आजम 45 मामलों में कानून की गिरफ्त में है। इसी तरह आजम खान की पत्नी डॉक्टर तंजीम फातिमा भी डेढ़ दर्जन से अधिक मामलों की चपेट में है। फिलहाल दो जन्म प्रमाण पत्र के एक मामले में रामपुर की स्थानीय एमपी एमएलए अदालत के द्वारा इन तीनों को ही दोषी मानते हुए सात-सात साल की सजा सुनाई जा चुकी है। आजम खान सीतापुर अब्दुल्लाह आजम हरदोई और तंजीन फातिमा रामपुर की जेल में बंद है। आजम खान पर लगातार कानून की मार पड़ रही है। अब एक बार फिर उनका मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट की लीज मुसीबत के घेरे में है।
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आज़म खान मशहूर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मौलाना मोहम्मद अली जौहर के नाम से अपने एक ट्रस्ट का संचालन लंबे समय से करते चले आ रहे हैं। इसी ट्रस्ट के माध्यम से उन्होंने रामपुर में मौलाना मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय की स्थापना भी की है। हालांकि यह बात अलग है कि उनका यह विश्वविद्यालय स्थापना के बाद से ही विवादों के घेरे में रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के शासन के दौरान आजम खान के ट्रस्ट को करोड़ों की कीमत की एक इमारत और उसकी जमीन को 100 रुपए प्रतिवर्ष की दर से 30 साल के लिए लीज पर दिया गया था। लीज की शर्तों के मुताबिक यहां पर ट्रस्ट से जुड़े कार्य को ही किया जाना तय हुआ था लेकिन बाद में इसका इस्तेमाल रामपुर पब्लिक स्कूल (Rampur Public School) स्थापित होने के साथ ही इसके कुछ हिस्से में सपा कार्यालय के लिए भी किया जाने लगा।
राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मुर्तजा, बीएसए कार्यालय एवं जिला विद्यालय निरीक्षक के इन पुराने कार्यालय में आजम खान की अगवाई वाले जौहर ट्रस्ट के द्वारा जहां सपा कार्यालय से राजनीतिक फरमान जारी होते हैं तो वहीं इसके बड़े हिस्से में रामपुर पब्लिक स्कूल संचालित है जिसमें लगभग 700 बच्चे शिक्षा हासिल करते चले आ रहे हैं। चंद सप्ताह बाद इस स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की परीक्षाएं होनी है, लेकिन शासन को प्रशासन के द्वारा भेजी गई रिपोर्ट के आधार पर लीज की शर्तों का उल्लंघन मानते हुए 1 नवंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट के द्वारा प्रस्ताव पास कर लीज को समाप्त कर दिया गया है।
रामपुर पब्लिक स्कूल (Rampur Public School) में पढ़ने वाले बच्चों की तादाद 700 से अधिक बताई जा रही है। जिसको लेकर अभिभावक जहां अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित नजर आ रहे हैं तो वही शासन और प्रशासन की बागडोर संभाले हुए अधिकारी और नेता भी इस गंभीर समस्या से निमटने का भरपूर आश्वासन दे रहे हैं।
अभिभावक हारुन खान के मुताबिक सरकार आजम खान के साथ क्या कर रही है इससे उनका कोई लेना-देना नहीं है जबकि रामपुर पब्लिक स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की परीक्षाओं और उनके भविष्य का क्या होगा यह बात जरूर चिंता का विषय है।
सांसद घनश्याम सिंह लोधी के मुताबिक मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट को दी गई सरकारी जमीन एवं भवन की लीज को रद्द कर दिया गया है लेकिन फिर भी यहां पर संचालित रामपुर पब्लिक स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को किसी तरह की कोई समस्या होने नहीं दी जाएगी और जिसका हल जल्द ही बेहतर ढंग से निकाला जाएगा।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संजीव कुमार के मुताबिक रामपुर पब्लिक स्कूल के भवन से संबंधित लीज को शासन के द्वारा रद्द कर दिया गया है लेकिन यहां पर पढ़ने वाले बच्चों के भविष्य को मद्देनजर रखते हुए उनके अभिभावकों को नोटिस के माध्यम से अन्य स्कूलों में व्यवस्थापित किए जाने को लेकर नोटिस दिए जाने की कार्यवाही की जाएगी।