रामपुर: विश्व प्रसिद्ध रजा लाइब्रेरी का नाम बदले जाने पर कांग्रेस ने भाजपा पर साधा निशाना

रजा लाइब्रेरी का नाम बदलकर रजा लाइब्रेरी एंड म्यूजियम कर दिया गया है। इसकी घोषणा गवर्नर आनंदीबेन पटेल के द्वारा वर्चुअल मीटिंग के माध्यम से की गई है।

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विश्व प्रसिद्ध रामपुर की रजा लाइब्रेरी का नाम इस समय सुर्खियों में है। दरअसल उत्तर प्रदेश की गवर्नर की मंजूरी के बाद इसको बदलकर कर रजा लाइब्रेरी से अब रजा लाइब्रेरी एंड म्यूजियम कर दिया गया है। वही इसकी घोषणा गवर्नर आनंदीबेन पटेल के द्वारा वर्चुअल मीटिंग के माध्यम से की गई है। लोकसभा के चुनाव में चंद महीने ही बाकी हैं ऐसे में रजा लाइब्रेरी के नाम और छुट्टी के दिन के बदलाव के मुद्दे के बहाने कांग्रेस पार्टी ने भाजपा पर निशाना साधा है और इसे दुर्भाग्यपूर्ण कदम बताया है।

उत्तर प्रदेश के जनपद रामपुर की इस विश्व प्रसिद्ध रजा लाइब्रेरी का इतिहास 249 साल पुराना है। इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि रियासत काल के दौरान यहां के पहले नवाब फैज उल्ला खान ने लाइब्रेरी के रूप में इसे 7 अक्टूबर 1774 ईस्वी में स्थापित किया था।

हालांकि बात अलग है कि इसकी स्थापना भले ही 249 साल पहले हुई हो लेकिन दिलचस्प बात यह है कि यहां पर साथ में शताब्दी मैं मुस्लिम समुदाय के चौथे खलीफा हजरत अली के हाथ की लिखी कुरान भी हिफाजत के साथ रखी हुई है। यही नहीं इस किताबी खजाने अपने आंचल में संजोए रखने के लिए सारी दुनिया में जाना और पहचाना जाता है।

नवाब फैज उल्ला खान से लेकर नवाब रजा अली खान तक 10 शासकों ने यहां पर 175 साल तक शासन किया और हर किसी ने अपने- अपने वक्त में इस रजा लाइब्रेरी को नया स्वरूप प्रदान किया। अंत में देश की आजादी के बाद 1949 में रामपुर के अंतिम नवाब रजा अली खान और भारत सरकार के बीच मर्जर एग्रीमेंट हुआ जिसके बाद इसे भारत सरकार को सौंप दिया गया।

फिलहाल इसकी देखभाल का जिम्मा सांस्कृतिक मंत्रालय के जिम्में है और इसके अध्यक्ष के रूप में उत्तर प्रदेश के गवर्नर तैनात हैं। ढाई सौ साल पूरे होने को हैं मगर ठीक उससे पहले ही गवर्नर की संस्तुति पर रजा लाइब्रेरी के नाम को बदल दिया गया है। अब अधिकारिक रूप से हुई घोषणा के बाद इसे रजा लाइब्रेरी एंड म्यूजियम का नाम दिया जा चुका है।

नया नाम मिलने के बाद जहां इसकी रामपुर डीएम रविंद्र कुमार मांदड़ द्वारा जमकर सरहाना की जा रही है तो वही रजा लाइब्रेरी का नाम बदले जाने के बहाने कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव संजय कपूर ने भाजपा पर नाम बदलने की राजनीति का आरोप लगाते हुए निशाना साधा है और इस कदम को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है।