उत्तर प्रदेश सरकार भले ही लोगों के कल्याण के लिए कुछ योजनाएं चला रही हो लेकिन जब तक उन योजनाओं को जमीनी स्तर पर अमली जामा ना बनाया जाए तब तक वह कार्य अधूरा ही रहता है। इन सबके बीच कुछ ऐसे अधिकारी भी होते हैं जिनकी जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है। कुछ इसी तरह के रामपुर (Rampur) के कलेक्टर रविंद्र कुमार मांदड़ (Ravindra Kumar Mandad) का मिजाज है वह जमीन पर उतर कर कार्य को पूरा करने में विश्वास रखते हैं। जी हाँ ऐसी ही कुछ तस्वीरें इन दिनों सोशल मीडिया पर छाई हुई हैं, जो लोगों के दिलों को छूने में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ रही हैं।
जनपद रामपुर के कलेक्टर रविंद्र कुमार मांदड़ (Ravindra Kumar Mandad) कई दिन से हो रही तेज बारिश की परवाह किए बगैर गांव भोट में जमींदोज हो चुके महिला के मकान का स्थलीय निरीक्षण करने पहुंच गए। बाकायदा उन्होंने मकान का निरीक्षण किया और पीड़ित महिला को हर संभव मदद का वादा किया। चंद ही मिनटों में उन्होंने किए हुए वादे को पूरा करते हुए महिला को 1 लाख 20 हजार रुपए की धनराशि स्वीकृत कर उसको खुशियों की सौगात दे डाली। वहीं दूसरी ओर उन्होंने बरसात में दो बच्चों की मौत की घटना में लापरवाही बरतने वाले एसडीएम मिलक अभिनीत कुमार को उनके पद से हटाने में भी कुछ ही घंटो का समय लगाया।
जिलाधिकारी की कार्यशैली ही कुछ ऐसी है कि वह गरीबों और पीड़ितों के जख्मों पर मरहम लगाने से पीछे नहीं हट रहे हैं।
ताजा मामला शहर नगरपालिका परिषद से कुछ ही दूरी पर रहने वाली वृद्ध महिला नन्ही देवी से जुड़ा है। उनका मकान गिर चुका था और वह अपने मकान को बनवाने के सपने को साकार कराने के लिए तरस रही थी। पीड़ित महिला इधर उधर भटक रही थी लेकिन उसकी कहीं सुनवाई नहीं हो पा रही थी। इन सबके बावजूद उसकी मदद को लेकर उसकी अर्जी जैसे ही कलेक्टर के सामने आई तो उन्होंने वृद्ध महिला को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया और जिसका परिणाम यह हुआ कि कुछ ही समय पहले कलेक्टर ने उसके मकान बनवाने के सपने को साकार कर डाला। साथ ही उसके पुत्र की नौकरी भी लगवा दी। इसी बात से खुश होकर पीड़ित महिला डीएम कार्यालय पहुंच गई और उसने कुर्सी पर आसीन कलेक्टर को दुआएं देने के साथ साथ धन्यवाद भी दिया। रविंद्र कुमार मांदड़ (Ravindra Kumar Mandad) के इन्हीं कार्यों को लेकर यह शब्द लोगों के बीच चर्चा का विषय बने हुए है कि “कलेक्टर हो तो रविंद्र कुमार मांदड़ जैसा”।