महाराष्ट्र: महाराष्ट्र के नए राज्यपाल रमेश बैस (Ramesh Bais) को बनाया गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ( Draupadi Murmu) ने महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में भगत सिंह कोश्यारी (Bhagat Singh Koshiyari) का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। महाराष्ट्र के राज्यपाल के साथ-साथ लद्दाख के उपराज्यपाल राधा कृष्णन माथुर (Radha Krishnan Mathur) के इस्तीफे को स्वीकार किया गया है। साथ ही साथ कई राज्यों में नए राज्यपालों की नियुक्ती की गई है। इसी कड़ी में झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस (Ramesh Bais) को महाराष्ट्र का राज्यपाल बनाया गया है।
कई राज्यों के राज्यपाल में हुई अदला-बदली
वहीं कुछ नए राज्यपाल भी नियुक्त किये गए हैं। इसके अलावा गुलाब चंद कटारिया (Gulab Chand Kataria) को असम, पूर्व केंद्रीय मंत्री शिव प्रताप शुक्ला (Shiv Pratap Shukla) को हिमाचल प्रदेश का राज्यपाल बनाया गया है। वहीं राजेंद्र विश्वनाथ अरलेकर (Rajendra Vishwanath Arlekar) को बिहार का राज्यपाल बनाया गया है। वहीं बिहार के मौजूदा राज्यपाल फागू चौहान (Fagu Chauhan) को मेघालय का राज्यपाल बनाया गया है। अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल बीडी मिश्रा लद्दाख के एलजी बनाए गए हैं। पूर्व न्यायाधीश एस अब्दुल नजीर (S Abdul Nazeer) आंध्र प्रदेश के राज्यपाल बनाए गए हैं।
आंध्र प्रदेश के राज्यपाल बिस्वा भूषण हरिचंदन (Biswa Bhushan Harichandan) को छत्तीसगढ़ का राज्यपाल बनाया गया है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया को मणिपुर का राज्यपाल बनाया गया है। मणिपुर के मौजूदा राज्यपाल ला गणेशन को नागालैंड का राज्यपाल बनाया गया है। वहीं लक्ष्मण प्रसाद आचार्य को सिक्किम का राज्यपाल बनाया गया है। जबकि वहीम लेफ्टिनेंट जनरल कैवल्य त्रिविक्रम परनाइक (Kaivalya Trivikram Parnaik) को अरुणाचल प्रदेश का राज्यपाल बनाया गया है।
विधायकों का मुद्दा साबित हो सकता है सिर दर्द
उद्धव ठाकरे सरकार के वक्त कैबिनेट की मंजूरी से राज्यपाल नियुक्त 12 लोगों के नाम राजभवन भेजे गए थे। लेकिन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया। वहीं एकनाथ शिंदे-देवेन्द्र फडणवीस सरकार ने अस्तित्व में आने के बाद सीएम दफ्तर ने MVA सरकार द्वारा दी लिस्ट को रद्द करने की मांग राज्यपाल से की। हालांकि राजभवन ने सीएम दफ्तर के पत्र पर कोई फैसला नहीं लिया। नए राज्यपाल रमेश बैस के सामने राज्यपाल नियुक्त 12 विधायकों पर निर्णय सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होगा जो राज्यपाल को बड़ी निष्पक्षता के साथ लेना होगा।