Surat: गुजरात राज्य के सूरत शहर (Surat) में उत्तर भारतीय प्रवासी मजदूर बड़ी संख्या में रहकर अपना जीवन व्यापन करते है। वही जब कोई पर्व आता है तो अपने वतन जाने के लिए मजबूर हो जाते है, लेकिन जब उनको अपने गांव जाना होता है तो सफर के दौरान बड़ी मशक्कत झेलनी पड़ती है।
आपको बता दे कि हाल ही की एक घटना ने रेलवे की अधिकारियों की नीद उड़ा दी है। जिसके चलते रेल अधिकारियों ने स्पेशल गाडियां चलाई, तब जाकर यात्रियों को राहत मिल पाई। उसी को लेकर सूरत रेलवे स्टेशन (Surat Railway Station) के अतिथि गृह में प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया, जिसमे पत्रकारों ने जमकर अधिकारियों से सवाल पूछा कि क्या घटना होने के बाद सरकार की आंख खुलती है? आखिरकार इस घटना का जिम्मेदार कौन है? क्या मृतक के परिवार को न्याय मिल पाएगा यह तो रेलवे के लिए बहुत बड़ा सवाल बनकर सामने खड़ा है।
मीडिया से बातचीत के दौरान विनीत अभिषेक ने बताया कि दिवाली और छठ पूजा को लेकर इस साल हमने 45 गाडियां चलाई है। इसके पहले 26 ट्रेनें चलाई गई थी। जिससे यात्रियों को बड़ी राहत मिली है। इस प्रकार से इस बार भीड़ को देखते हुए साइंटिफिक तरीके से सिस्टम का उपयोग किया गया ताकि जगह जगह भीड़ को देख सके और इसका निवारण कर सके।
उन्होंने बताया कि इस बार हम लोगों ने इंस्टाग्राम, ट्विटर और सोशल मीडिया की मदद का सहारा लिया ताकि जनता को इस प्रकार की जो स्पेशल चालू गाडियां चलाई जाती है, उनकी जानकारी मिल सके। इस प्रकार से आने वाले पर्व को लेकर रेलवे कर्मचारी सतर्क रहेंगे और एक सप्ताह पहले ही इस प्रकार की सुविधा यात्रियों को उपलब्ध कराई जाएगी ताकि सफर करने में परेशानी न झेलनी पड़े। खास तौर पर ताप्ती गंगा में जिस प्रकार से भीड़ रहती है, उसको विशेष ध्यान दिया जाएगा ताकि उत्तर भारतीयों को इससे राहत मिल सकें।