अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने भारतीय जनता पार्टी पर करारा हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि, बीजेपी सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग करती है और नफरत फैलाती है। राहुल गंधी ने कहा कि, हमने नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोली, भारत जोड़ो यात्रा निकाली। यात्रा को रोकने की सरकार ने पूरी कोशिश की। जो ताकत थी सब लगा दी फिर भी यात्रा का असर बढ़ता जा रहा था। यह इसलिए हुआ क्योंकि आप सबने हमारी मदद की।
भारत में कभी किसी विचार को रिजेक्ट नहीं किया गया: राहुल गाँधी
इस दौरान राहुल गाँधी (Rahul Gandhi) ने ये भी कहा कि, भारत में कभी किसी विचार को रिजेक्ट नहीं किया गया। अलग-अलग विचारों का बाहें फैलाकर स्वागत किया गया और इसी भारत को हम पसंद करते हैं। भारत का कल्चर ऐसा है कि पूरे विश्व के विचारों का सम्मान करता है। मगर हां! अगर आप गुस्सा, अहंकार, घृणा में विश्वास करते हैं तो आपको बीजेपी की मीटिंग में होना चाहिए।
कुछ लोग ऐसा समझते हैं कि वो सब जानते हैं: राहुल गांधी
राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कहा कि, कुछ लोग ऐसा समझते हैं कि वो सब जानते हैं। जैसे कि भगवान.. प्रधानमंत्री उनमें से एक उदाहरण हैं। वो भगवान के साथ भी संवाद कर सकते हैं और कह सकते हैं कि वो क्या सोचते हैं। वो हर मुद्दे पर जानकार होने की बात करते हैं। ऐसा लगता है कि वो हर मुद्दे के जानकार हैं। वो वैज्ञानिकों के साथ विज्ञान की भी बात करते हैं, वो इतिहासकार भी हैं, वो आर्मी के साथ युद्ध की रणनीति को भी समझाते हैं। पर असल में वो कुछ नहीं जानते, कुछ नहीं समझते।
गुरु नानक देव जी ने लोगों को जोड़ने की बात कही है: गाँधी
राहुल गाँधी ने कहा कि, यहां सिख धर्म से जुड़े लोग भी हैं। गुरु नानक देव जी ने लोगों की जोड़ने की ही बात कही और सिर्फ नानक देव जी ने नहीं, दक्षिण में आदि शंकराचार्य जी ने भी जितने भी धर्मगुरु हुए सभी ने लोगों को जोड़ने की बात कही। सभी ने हर सम्प्रदाय, हर संस्कृति, हर भाषा को एक समान सम्मान देने की बात कही।
हमने कन्याकुमारी से कश्मीर तक की एक यात्रा शुरू की: राहुल गाँधी
कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने आगे कहा कि, हमने नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोली। यात्रा को रोकने की सरकार ने पूरी कोशिश की, जो भी ताकत थी सब लगा दी। फिर भी यात्रा का असर बढ़ता जा रहा था। ये इसलिए हुआ क्योंकि आप सब ने हमारी मदद की। हमने कन्याकुमारी से कश्मीर तक की एक यात्रा शुरू की। हर रोज 25 किलोमीटर चलता था, पर मुझे थकान नहीं होती थी। मैनें सोचा कि आखिर ऐसा क्यों होता है। मुझे लगा कि ये मैं नहीं, बल्कि मेरे साथ पूरा भारत चल रहा है।
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