नई दिल्ली: सूरत जिला अदालत ने गुरुवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को उनकी कथित ‘मोदी सरनेम’ टिप्पणी को लेकर उनके खिलाफ दायर 2019 के आपराधिक मानहानि मामले में दो साल कैद की सजा सुनाई। बाद में उन्हें कोर्ट से जमानत मिल गई थी। राहुल की सजा पर 30 दिन की रोक लगाई है जिससे कांग्रेस नेता इस फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती दे सकें। आज सुबह ही राहुल गांधी सूरत पहुंच गए थे और फैसला आने के बाद दिल्ली लौटते समय उन्होंने पहली प्रतिक्रिया दी।
हिंदी में ट्वीट करते हुए उन्होंने महात्मा गांधी के विचार साझा किए। उन्होंने लिखा, ‘मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है। सत्य मेरा भगवान है, अहिंसा उसे पाने का साधन।’ सोशल मीडिया पर राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ट्रेंड हो रहे हैं। भाजपा खेमे में खुशी है तो कांग्रेस समर्थक भड़के हुए हैं। कई कांग्रेस समर्थकों ने लिखा है कि सत्य परेशान हो सकता है पराजित नहीं। दिल्ली में यूथ कांग्रेस का प्रदर्शन भी हो रहा है।
प्रियंका गांधी ने लिखा, “डरी हुई सत्ता की पूरी मशीनरी साम, दाम, दंड, भेद लगाकर राहुल गांधी जी की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है। मेरे भाई न कभी डरे हैं, न कभी डरेंगे। सच बोलते हुए जिये हैं, सच बोलते रहेंगे। देश के लोगों की आवाज उठाते रहेंगे। सच्चाई की ताकत और करोड़ों देशवासियों का प्यार उनके साथ है।”
क्या राहुल होंगे लोकसभा से अयोग्य?
जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के अनुसार, एक व्यक्ति को दो साल या उससे अधिक की कैद की सजा सुनाई गई है, उसे “इस तरह की सजा की तारीख से” अयोग्य घोषित किया जाएगा और समय की सेवा के बाद छह साल के लिए अयोग्य बना रहेगा।
हालांकि, कानून निर्माता 2013 तक इस अधिनियम की धारा 8(4) का उपयोग करके तत्काल अयोग्यता से बच सकते थे। अधिनियम के इस खंड ने पहले सजायाफ्ता सांसदों, विधायकों और एमएलसी को अपने पद पर बने रहने की अनुमति दी थी, बशर्ते कि वे उच्च न्यायालय में अपनी सजा/सजा के खिलाफ अपील करें। ट्रायल कोर्ट द्वारा फैसले की तारीख के 3 महीने के भीतर अदालतें। इसलिए दोषसिद्धि के खिलाफ अपील मात्र सांसदों की अयोग्यता पर रोक के रूप में काम करेगी।
कई लोग दावा कर रहे हैं कि राहुल गांधी सदस्यता से अयोग्य नहीं होंगे, वे भी अपने दावे का समर्थन करने के लिए इस खंड का हवाला दे रहे हैं। लेकिन लिली थॉमस बनाम भारत संघ मामले की सुनवाई करते हुए, जुलाई 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने आरपीए, 1951 की धारा 8(4) को रद्द कर दिया और इसे अधिकारातीत घोषित कर दिया, और कहा कि अयोग्यता सजा की तारीख से होती है।
इसलिए, चूंकि धारा 8(4) अब मौजूद नहीं है, अपील दायर करने के बावजूद अयोग्यता से कोई सुरक्षा नहीं है, और इसलिए, आरपीए की धारा 8(3) के अनुसार, राहुल गांधी को लोकसभा से अयोग्य ठहराया जा सकता है।
जाने पूरा मामला
राहुल (Rahul Gandhi) के वकील बाबू मंगुकिया ने बताया कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एच. एच. वर्मा ने कांग्रेस नेता को आईपीसी की धाराओं 499 और 500 के तहत दोषी करार दिया। ये धाराएं मानहानि से जुड़ी हैं। राहुल गांधी ने कथित तौर पर कहा था, ‘सभी चोरों का एक जैसा सरनेम मोदी ही कैसे होता है?’ वायनाड से लोकसभा सांसद ने यह टिप्पणी 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में एक रैली में की थी। राहुल की इस टिप्पणी के खिलाफ भाजपा के नेता और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने शिकायत दर्ज कराई थी।