वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय के गुजराती विभाग में उमाशंकर जोशी जी की कविता और जन्मजयंती के अवसर पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सूरत कम्मिश्नर अजय कुमार तोमर उपस्थित रहे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि जीवन में आनंद सबसे महत्वपूर्ण चीज है। उन्होंने कहा कि आनंद को पाने के लिए हमें अपने आप को खुशहाल बनाना होगा। कल्पना और कविता जीवन की अहम हिस्सा है। उन्होंने कहा कि कविता मन को शांति पहुंचाती है और हमें जीवन के बारे में सोचने का एक नया नजरिया देती है।
अजय कुमार तोमर ने कहा कि कविता हमें बताती है कि परमात्मा ने सभी को आनंद पाने का अवसर दिया है। उन्होंने कहा कि हमें अपनी कल्पना का इस्तेमाल करके अपने जीवन में आनंद को ढूंढना चाहिए। कविता हमें यह भी सिखाती है कि हमें दूसरों के साथ प्रेम और करुणा से पेश आना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि जब हम दूसरों की मदद करते हैं तो हमें भी आनंद मिलता है।
उन्होंने गुरुदत्त की फिल्म का उदाहरण दिया और कहा कि यह फिल्म हमें बताती है कि प्रेम ही जीवन का सबसे बड़ा आनंद है। उन्होंने कहा कि कबीर दास के दोहे हमें जीवन के बारे में बहुत कुछ सिखाते हैं। उन्होंने कहा कि कबीर दास ने कहा है कि प्रेम शब्द को अपनाना है तो अहंकार को त्यागना पड़ेगा तभी प्रेम को प्राप्त कर सकतें हैं।
तोमर ने आगे कहा कि सुख की अनुभूति वही कर सकता है जिसके पास जितना है उसी में संतुष्ट रह कर अपना जीवन व्यतीत करें। तितली को सुख और शांति का प्रतीक मानना चाहिए। जीवन में परमात्मा ने सब को सब कुछ दिया है उसको अपने जीवन में उतारना चाहिए उसके ऊपर संबंधित है। वही उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों को धन्यवाद दिया और कहा कि उन्होंने एक बहुत ही सुंदर और यादगार कार्यक्रम आयोजित किया है।