आज तुर्की (Turkey) से लेकर सीरिया तक भूकंप (earthquake) के तेज झटके महसूस किए गए हैं। नूर्दगी से 23 किलोमीटर पूर्व की ओर यह झटके महसूस किए गए। जानकारी के मुताबिक, भूकंप के कारण कई इमारतें गिर गयी है। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 7.8 मापी गई।
मिडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तुर्की (Turkey) में कम से कम 1000 लोग मारे गए हैं और करीब 2,300 लोग घायल हुए हैं। देश के उपराष्ट्रपति फिएट ओकटे (Fiat Oktay) का हवाला देते हुए रिपोर्ट में बताया गया कि, 10 शहरों में 1,700 से अधिक इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं हैं। वहीं, सीरिया में कम से कम 350 लोग मारे गए और 639 घायल हो गए। इस्राइल और लेबनान में भी कई मौतों की आशंका जताई जा रही है।
भूकंप का केंद्र गाजियांटेप था
यूएस जियोलॉजिकल (US Geological) सर्वे के अनुसार, भूकंप (earthquake) का केंद्र गाजियांटेप से लगभग 33 किलोमीटर और नूरदगी शहर से लगभग 26 किलोमीटर दूर था। यह 18 किलोमीटर की गहराई पर केंद्रित था। भूकंप के झटके दूर सीरिया तक महसूस किए गए। जिस कारण कई इमारते धराशाही हो गयी है।
तुर्की (Turkey) में आये भूकंप (earthquake) के बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूकंप की घटना पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि, “तुर्की में भूकंप के कारण जनहानि और संपत्ति के नुकसान से दुखी हूं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना। घायल जल्द स्वस्थ हों। भारत तुर्की लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है और इस त्रासदी से निपटने के लिए हर संभव सहायता देने को तैयार है।”
भारत सरकार ने भूकंप प्रभावित तुर्की को मदद भेजने का फैसला लिया है
इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश के बाद भारत सरकार ने भूकंप (earthquake) प्रभावित तुर्की (Turkey) को मदद भेजने का फैसला किया है। भारत तुर्की को राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (National Disaster Response Force) का खोज एवं बचाव दल, चिकित्सा दल और राहत सामग्री भेजेगा। सरकार की तरफ़ से इस संबंध में एक आधिकारिक बयान भी जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव पी के मिश्रा ने तत्काल राहत उपायों पर चर्चा करने के लिए साउथ ब्लॉक में एक बैठक की और वहां निर्णय लिया गया।
निर्णय के मुताबिक, विशेष रूप से प्रशिक्षित डॉग स्क्वॉड और आवश्यक उपकरणों के साथ 100 कर्मियों वाली NDRF की दो टीमें खोज और बचाव कार्यों के लिए भूकंप प्रभावित क्षेत्र में जाने के लिए तैयार हैं। साथ ही मेडिकल टीमों को आवश्यक दवाओं के साथ प्रशिक्षित डॉक्टरों और पैरामेडिक्स के साथ तैयार किया जा रहा है। यह सभी राहत सामग्री तुर्की सरकार और अंकारा में भारतीय दूतावास और इस्तांबुल में महावाणिज्य दूतावास के समन्वय से भेजी जाएगी।