Amritsar News : सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी ने पंजाब में बड़े पैमाने पर सिख प्रचारकों को तैनात किया है। शिरोमणि कमेटी के तत्काल चुनाव की मांग करते हुए धर्म प्रचार कमेटी पंजाब के चेयरमैन मंजीत सिंह भोमा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। धर्म प्रचार समिति पंजाब के अध्यक्ष मंजीत सिंह भोमा ने आज अमृतसर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
अमृतसर धर्म प्रचार कमेटी पंजाब के अध्यक्ष मनजीत सिंह भोमा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की धर्म प्रचार कमेटी ने एक वर्ष के अद्भुत अवसर पर श्री सुखमनी साहिब का पाठ कर व अरदास कर गुरु साहिब जी का धन्यवाद समारोह आयोजित किया है। धन्यवाद समारोह का गौरवपूर्ण समापन हुआ। जिसमें पिछले एक वर्ष में धर्मांतरण रोकने और धर्म के प्रचार-प्रसार संबंधी उपलब्धियों पर संतोष व्यक्त किया गया। एक प्रस्ताव के जरिए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनाव तुरंत कराने की मांग की गई है।
धन्यवाद समारोह में विभिन्न सिख संगठनों एवं महान हस्तियों ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष श्री हरमीत सिंह कालका और महासचिव श्री जगदीप सिंह काहलों से परामर्श कर धर्मांतरण को रोकने, पंजाब के विभिन्न क्षेत्रों में गुरबानी और सिख धर्म के प्रसार में तेजी लाने के लिए दो दर्जन नये जिलों में सिख प्रचारकों की नियुक्ति की गयी है। जिन्हें बाद में निर्वाचन क्षेत्र और जिलेवार जिम्मेदारियां दी जाएंगी, जो अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में सिख धर्म का प्रचार और प्रसार करेंगे और आने वाले समय में हाईकमान के परामर्श से और अधिक सिख प्रचारकों की नियुक्ति की जाएगी।
भोमा ने कहा कि जितने भी सिख संस्थान, स्कूल और कॉलेज है। वे अपने-अपने संस्थानों में धर्म परिवर्तन को रोकने और सिख धर्म को बढ़ावा देने के लिए बच्चों को जागरूक करे। विश्वविद्यालयों ने एक विशेष संकल्प लिया है कि वे अपने-अपने संस्थानों में रागी, ढाडी, क्विशर, अखंड पाठियों, कथावाचकों, सिख प्रचारकों और ग्रंथी सिंहों के बच्चों को पढ़ाएंगे। इसके अलावा एनआरआई और अमीर सिख गरीब सिख छात्रों की फीस का भुगतान करेंगे।
एनआरआई और धनाध सिख भाई ईसाई कॉन्वेंट स्कूलों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा वाले स्कूल खोलना, जिनमें गुरुद्वारा साहिब भी स्थित हो। जहां बच्चों को उच्च शिक्षा के साथ-साथ गुरु और सिख इतिहास की भी अच्छी जानकारी दी जाए। जैसा कि महाराजा रणजीत सिंह के समय हुआ करता था। भोमा ने कहा कि अगले आयोजन में ग्रंथी सिंहों का वेतन कैसे बढ़ाया जाए इस पर महत्वपूर्ण चर्चा हुई।