उत्तर प्रदेश पूर्वांचल के जिलों को जोड़ने के लिए प्रयागराज में गंगा नदी पर शास्त्री पुल बना है। इस ब्रिज को जल्द ही दुरुस्त किया जाएगा। जिसके बाद प्रयागराज से वाराणसी, जौनपुर, आजमगढ़ और गोरखपुर समेत अन्य जिलों का सफर अब और भी आरामदायक होगा। 60 लाख रुपये से अधिक की लागत में इस पुल की बेयरिंग और सड़कों को दुरुस्त किया जाएगा। इसके लिए तैयारी की जा रही है। उत्तर प्रदेश सेतु निगम और पीडब्ल्यूडी की कवायद जारी है।
भारी वाहनों के दबाव के कारण प्रयागराज-वाराणसी-गोरखपुर जाने वाले रूट पर महत्वपूर्ण शास्त्री ब्रिज पर वाहनों का काफी लोड है। इस पुल से प्रतिदिन 60 हजार से अधिक छोटे बड़े वाहन गुजरते हैं। इसमें भारी वाहनों की भी अधिक संख्या है। इन भारी वाहनों के कारण शास्त्री ब्रिज की सड़कें क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। इसमें अक्सर गड्ढ़ा हो जाता है।
लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की ओर से पुल की सड़क को गड्ढ़ा मुक्त बनाने के लिए एक वर्ष में 60 लाख रुपये से अधिक का खर्च हो जाता है। हालांकि वाहनों के दबाव के कारण सड़क दुरुस्त नहीं रह पाती। पूर्व में शास्त्री पुल की सड़क को आरसीसी करने की तैयारी थी। हालांकि इसमें बजट अधिक आने के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था।
वर्तमान में शास्त्री पुल का पिलर और ज्वाइंट एक्सटेंशन क्षतिग्रस्त हो चुका है। बेयरिंग भी सूख जाने से अक्सर टूट रही है। इससे हादसों की आशंका बढ़ जाती है। यातायात बेहतर और सुगम रहे इसके लिए उत्तर प्रदेश सेतु निगम पिलर और बेयरिंग समेत अन्य तकनीकी पक्षों को रीमाडलिंग करने की योजना तैयारी की है।
शास्त्री पुल की सड़कों को गड्ढ़ा मुक्त बनाने के लिए शासन से मंजूरी मिल गई है। 10 वर्ष पहले पुल की सतह की मरम्मत कराई गई थी। हालांकि उसके बाद सिर्फ गड्ढों को भरने का ही काम होता रहा है। शास्त्री ब्रिज के रखरखाव की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी के निर्माण खंड तृतीय को दी गई है।
पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता अजय कुमार गोयल ने बताया कि शास्त्री ब्रिज को दुरुस्त करने का काम होली के बाद शुरू हो जाएगा। प्रस्ताव स्वीकार किया जा चुका है। सबसे पहले पुल की सड़क को ठीक किया जाएगा।