Prayagraj News: निकाय चुनाव के प्रथम चरण के चुनाव में माफिया अतीक अहमद (mafiya atiq) के इलाके के मतदान केंद्रों पर भाजपा के झंडे और बैनर गायब दिखाई दिए। इसको खौफ कहा जाए या प्रत्याशियों की अनदेखी माना जाए, लेकिन चकिया कसारी मसारी इलाका ही नहीं बल्कि आसपास के कई मतदान केंद्रों पर भी न तो भाजपा के टेंट और न ही मतदान केंद्रों के आसपास बस्ते ही दिखे। इन सभी जगहों पर मतदान की गति भी धीमी दिखाई दी।
वीडियो कैमरे से निगरानी
अतीक अहमद (mafiya atiq) के पैतृक मकान के ठीक सामेन अल हमरा फारूकी गर्ल्स इंटर कॉलेज है। यहां पर मतदान हो रहा है लेकिन गति काफी धीमी है। इस केंद्र पर सुरक्षा व्यवस्था का व्यापक बंदोबस्त किया गया है। यहां पर अतिरिक्त पुलिस बल और पीएसी के साथ ही कई ऐहतियाती इंतजाम किए गए हैं। मतदान केंद्रों और आसपास के इलाकों की वीडियो कैमरे से निगरानी कराई जा रही है।
सटे इलाको में भी सन्नाटा
इसके अलावा हिंदू बाहुल्य इलाका बेनीगंज के पास स्थित एडीसी लॉ कैंपस के आसपास भी भाजपा के तंबू नहीं दिखे। यह इलाका माफिया अतीक (mafiya atiq) घर के मोहल्ले से सटा जिसके कारण इधर भी भाजपा की गतिविधियां न के बराबर रहीं। मतदान केंद्र पर भीड़ भी काफी कम दिखी। कुछ लोग इसे खौफ बता रहे हैं तो कुछ लोगों का मानना है कि यहां पर वार्ड मेम्बर के कमजोर होने के कारण बस्ते नहीं लगाए जा सके हैं।
स्थानीय मुद्दों का चुनाव
अतीक अहमद के घर के सामने स्थित अल हमरा फारूकी गर्ल्स इंटर कॉलेज मतदान केंद्र पर वोट डालने आए वासिफ अली कहते हैं कि यह पूरी तरह से स्थानीय मुद्दों का चुनाव है और उन्होंने विकास के मुद्दे पर वोट डाला है। इसी तरह करेली की रहने वाली आरजू ने भी अतीक अहमद के घर के सामने मतदान केंद्र में वोट डाला है। उनका कहना है कि जो होना था वह हुआ, उनके क्षेत्र का विकास कौन कर सकता है? उन्होंने वोट सिर्फ और सिर्फ इस मुद्दे पर डाला है।