Prayagraj: गुरुवार को माफिया अतीक और उसके भाई की मौत को 40 दिन पूरे हो गये है। मुस्लिम धर्मानुसार इस दिन चालीसवा की रस्म मनाई जाती है। अब सवाल ये है कि अतीक-अशरफ के जनाजे में उनकी बीवियां नहीं आई थी, ऐसे में क्या उनके चालीसवां पर वो दोनों चकिया स्थित कसारी-मासरी कब्रिस्तान में अपने शौहर की कब्र पर फातिहा पढ़ने जाएंगी? इन सभी बातों को लेकर तमाम तरह की चर्चाएं चल रही हैं।
सादे कपड़ो में पुलिसकर्मी
इधर, पुलिस और एसटीएफ को उनके यहाँ पहुंचने की आशंका में अलर्ट पर है। कब्रिस्तान के आसपास के पुरे इलाके में सादे कपड़ों में पुलिसकर्मियों के साथ क्राइम ब्रांच के जवानों को मुस्तैद किया गया है। 24 फरवरी को उमेश पाल और दो गनर की हत्या में नामजद आरोपित अतीक अहमद और अशरफ को पुलिस ने पूछताछ के लिए कस्टडी रिमांड पर लिया था। इसके बाद पुलिस कस्टडी में ही 15 अप्रैल की रात दोनों भाइयों की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी।
महिला सिपाहियों को भी किया गया मुस्तैद
पुलिस को उस समय भी आशंका थी कि उमेश पाल की हत्या के बाद से फरार अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन और अशरफ की पत्नी जैनब फातिमा जनाजे में शामिल होने के लिए कसारी-मसारी कब्रिस्तान पहुंच सकती हैं। जिसके लिए पुलिस ने अतीक के चकिया स्थित निवास स्थान से कब्रिस्तान तक घेराबंदी कर रखी थी। सादे कपड़ों में महिला सिपाहियों को भी मुस्तैद किया गया था, लेकिन दोनों ही बेगम अपने शौहर का दीदार करने नहीं आईं थीं।
आखरी बार दीदार की कोशिश हुई नाकाम
बाद में पुलिस द्वारा असद के दोस्त अतीन जफर को गिरफ्तार करने पर पूछताछ में पता चला था कि शाइस्ता परवीन 16 अप्रैल को पति का आखिरी बार दीदार करने के लिए शूटर साबिर के साथ चकिया आई थी। दोनों अतीन के घर में ठहरे थे, लेकिन पुलिस की जबरदस्त चौकसी की वजह से कब्रिस्तान तक नहीं पहुंच सके थे।
मृतक के रिश्तेदार आते है फातिहा पढ़ने
दूसरे दिन साबिर के साथ शाइस्ता वहां से चली गई थी। अब तक न तो शाइस्ता का कुछ पता चल रहा है और न जैनब तथा साबिर का। अब अतीक और अशरफ की मौत के बाद चालीसवां का दिन आ गया है, फिर पुलिस और चकिया के निवासियों को शाइस्ता के साथ जैनब फातिमा के आने की आशंका है। ऐसा इसलिए कि रस्म के तहत चालीसवां पर मृतक की पत्नी समेत खून के रिश्ते के लोग फातिहा पढ़ते हैं।
बुर्काधारी महिलाओं पर खास निगाह
ऐसा कयास लगाया गया है कि जनाजे में नहीं पहुंच पाने की कसक शाइस्ता और जैनब चालीसवां में शामिल होकर दूर करना चाहेंगी। ऐसे में खुफिया तंत्र को सक्रिया किया गया है। साथ ही ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि शाइस्ता और जैनब कई महिलाओं के साथ नकाब की आड़ में पहुंच सकती हैं। इसलिए बुर्काधारी महिलाओं पर खासतौर पर पैनी निगाह रखने के लिए महिला तथा पुरुष पुलिसकर्मियों को सादे कपड़ों में चकिया से कसारी-मसारी कब्रिस्तान तक तैनात किया गया है।
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