प्रयागराज: शराब की दुकान हटाने को लेकर हाईकोर्ट का आदेश

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यूपी के प्रयागराज (Prayagraj) में हाई कोर्ट में दाखिल की गई एक यात्रा पर सुनवाई करते हुए शराब की दुकान को लेकर उसके नवीनीकरण पर रोक लगा दी है। स्कूल की जमीन से 30 फीट की दूरी पर शराब का ठेका है जिससे बच्चों को परेशानी हो रही थी।

छात्र के तरफ से दाखिल की गई थी याचिका

प्रयागराज (Prayagraj) जिले में एलकेजी के छात्र के तरफ से दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने शराब की दुकान के नवीनीकरण पर रोक लगा दिया है। छात्र की जनहित याचिका में कहा गया था कि स्कूल से महज तीस फिट की दूरी पर शराब का ठेका है, ठेके पर सुबह 6 बजे से ही शराबियों का जमावड़ा लग जाता है। जिससे स्कूल आने वाले छात्र और छात्राओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सम्बन्धित अधिकारियों से जवाब मांगा था। जिसमे कहा गया कि स्कूल खुलने के तीस साल पहले का शराब ठेका है। और स्कूल बाद में खुला है। हाईकोर्ट ने इस जवाब पर नाराज़गी जताई, कहा शराब की दुकान का नवीनीकरण कैसे हो गया। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए 31 मार्च 2025 के बाद के नवीनीकरण पर रोक लगा दी।

बच्चे की याचिका के बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दी प्रतिक्रिया

बता दें कि पूरा मामला कानपुर के आजाद नगर का है। एक निजी स्कूल के पास सरकारी शराब का ठेका संचालित हो रहा था। निजी स्कूल में क्लास एलकेजी में पढ़ने वाले पांच वर्षीय छात्र ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर शराब की दुकान को हटाने की मांग की। हाईकोर्ट ने छात्र की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सम्बन्धित विभागों से जवाब तलब किया था। हाईकोर्ट ने मामले में राज्य सरकार की गाइडलाइन का उल्लंघन मानते हुए सम्बंधित जिले को अधिकारियों से जवाब मांगा था कि आखिर स्कूल के पास कैसे स्कूल संचालित हो रहा है। सम्बंधित जिले के अधिकारियों ने हाईकोर्ट के समक्ष जवाब दाखिल करते हुए कहा कि स्कूल खुलने के तीस साल पहले से शराब ठेका संचालित हो रहा था। कोर्ट ने इस पर पूछा कि स्कूल खुलने के बाद हर साल शराब का ठेके का नवीनीकरण कैसे हो रहा था। हाईकोर्ट ने मामले में सख्ती दिखाते हुए अगली नवीनीकरण पर रोक लगा दी है।