Pravasi Bharatiya Divas: प्रधानमंत्री बोले इंदौर समय से आगे रहने वाला एक दौर है

इंदौर में प्रवासी भारतीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की इंदौर की प्रशंसा

0
92

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रवासी भारतीय सम्मेलन (Pravasi Bharatiya Divas) का आगाज करते हुए इंदौर की दिल खोलकर तारीफ की| प्रधानमंत्री ने कहा कि, “हम सभी जिस शहर में है, वह अपने आप में अद्भुत है। लोग कहते हैं कि इंदौर एक शहर है। मैं कहता हूं कि इंदौर एक दौर है। यह वह दौर है जो समय से आगे चलता है। फिर भी विरासत को समेटे रहता है।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि, “प्रवासी भारतीय दिवस चार वर्षों के बाद मूल स्वरूप में, पूरी भव्यता के साथ आ रहा है। अपनों के आमने-सामने का मिलना, आमने-सामने की बात का अलग ही आनंद और महत्व होता है।

उन्होंने यह भी कहा कि आप सभी के लिए यहां काफी कुछ है, जो इस यात्रा को अविस्मरणीय बनाएगा। पास ही में उज्जैन में भगवान महाकाल के महालोक का दिव्य और भव्य विस्तार हुआ है। उम्मीद करता हूं कि, आप सब वहां जाकर भगवान महाकाल का आशीर्वाद भी लेंगे। अद्भुत अनुभव का हिस्सा भी बनेंगे।”

प्रधानमंत्री ने की इंदौर के खाने की तारीफ

प्रधानमंत्री ने प्रवासी भारतीय सम्मेलन (Pravasi Bharatiya Divas) ने सम्मेलन में बोलते हुए कहा कि, ‘वैसे हम सभी जिस शहर में है, वह भी अपने आपमें अद्भुत है। इंदौर ने स्वच्छता के क्षेत्र में एक अलग ही पहचान बनायीं है| इंदौर के नमकीन का स्वाद, यहां पोहे का जो पैशन है, साबुदाने की खिचड़ी, कचोरी-समोसे, शिकंजी को क्या ही कहना| जिसने भी इसे देखा, उसके मुंह का पानी नहीं रुका।

जिसने इसे चखा, उसने कहीं मुडकर नहीं देखा। 56 दुकान और सराफा काफी प्रसिद्ध है ही। कुछ लोग इंदौर को स्वच्छता के साथ-साथ स्वाद की राजधानी भी कहते हैं। मुझे यकीन है कि आप यहां के अनुभव नहीं भूलेंगे और यहाँ पर आने के लिए दूसरे लोगो को भी प्रेरित करेंगे|’ उन्होंने इस सम्मेलन में इंदौर शहर की दिल खोलकर तारीफ की है|

हमने सदियों पहले वैश्विक व्यापार की परंपरा शुरू की

पीएम ने कहा कि हमारे लिए पूरा संसार ही स्वदेश है। इसी विचार की बुनियाद पर हमारे पूर्वजों ने भारत की संस्कृति को आकार दिया था। हम दुनियाभर में गए। हमने सदियों पहले वैश्विक व्यापार की असाधारण परंपरा को शुरू किया। आज अपने करोड़ों प्रवासी भारतीयों को देखते हैं तो उसमें वसुधैव कुटुम्बकम् के दर्शन होते हैं। भारत के अलग-अलग प्रांतों, क्षेत्रों के लोग जब मिलते हैं तो एक श्रेष्ठ भारत का अनुभव होता है।