राजनीतिक गलियारों में ‘पीके’ के नाम से मशहूर प्रशांत किशोर (Prashant Kishore) अपने बेधड़क बोलने के अंदाज़ को लेकर लगातार सुर्खियों में बने रहते है। जहाँ इन दिनों भी वो चर्चा का विषय बने हुए है। प्रशांत किशोर (Prashant Kishore) ने कहा कि, 2024 में भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ विपक्षी एकता कभी काम नहीं करेगी, क्योंकि यह अस्थिर और वैचारिक रूप से अलग होगी।
विपक्षी एकता दिखावा है: प्रशांत किशोर
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishore) ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) के लाभों पर भी सवाल उठाया है। इसी के साथ प्रशांत किशोर ने कहा कि, विपक्षी एकता दिखावा है और सिर्फ पार्टियों या नेताओं को एक साथ लाने से यह संभव नहीं होगा।
आपको इसकी ताकत – हिंदुत्व, राष्ट्रवाद और कल्याणवाद को समझना होगा: किशोर
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने एक बातचीत के दौरान कहा कि, “यदि आप भारतीय जनता पार्टी को चुनौती देना चाहते हैं। तो आपको इसकी ताकत – हिंदुत्व, राष्ट्रवाद और कल्याणवाद को समझना होगा। यह तीन-स्तरीय स्तंभ है। जो भी भाजपा को चुनौती देना चाहते हैं उन्हें इन तीन में से दो चीजों को तो बेहतर करना पड़ेगा।”
आप विचारधारा के नाम पर अंधविश्वास नहीं कर सकते हैं: पीके
प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि, “हिंदुत्व की विचारधारा से लड़ने के लिए विचारधाराओं का गठबंधन होना चाहिए। गांधीवादी, अंबेडकरवादी, समाजवादी और कम्युनिस्ट विचारधारा बहुत महत्वपूर्ण है, लेकिन आप विचारधारा के नाम पर अंधविश्वास नहीं कर सकते हैं।”
बीजेपी को हराने का कोई तरीका नहीं है: प्रशांत किशोर
उन्होंने यह भी कहा कि, “मीडिया में आप लोग विपक्षी गठबंधन को दलों या नेताओं के एक साथ आने के रूप में देख रहे हैं। कौन किसके साथ लंच कर रहा है, किसे चाय पर आमंत्रित किया गया है। मैं इसे विचारधारा के गठन में देखता हूं। जब तक वैचारिक गठबंधन नहीं होगा, बीजेपी को हराने का कोई तरीका नहीं है। उनकी विचारधारा, ‘महात्मा गांधी की विचारधारा’ है और बिहार ‘जन सुराज यात्रा’ गांधी की कांग्रेस की विचारधारा को पुनर्जीवित करने का एक प्रयास है।”
मेरे लिए यात्रा मिशन नहीं बल्कि क्षेत्र को समझने के लिए है: प्रशांत
बता दे कि, चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) अब ‘जन सुराज यात्रा’ (Jan Suraj Yatra) में बिहार का दौरा कर रहे हैं। उनका कहना है कि, यह केवल राज्य को समझने और एक नई राजनीतिक व्यवस्था बनाने का प्रयास है।
प्रशांत किशोर ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के द्वारा चलाई गयी पहल भारत जोड़ो यात्रा को लेकर कहा कि, “यह केवल चलने के बारे में नहीं है। भारत जोड़ो यात्रा की छह महीनों में बहुत प्रशंसा और आलोचना भी हुई है। छह महीने चलने के बाद आपको कुछ अंतर दिखाई देना चाहिए? यह यात्रा एक पार्टी के चुनावी भाग्य को बेहतर बनाने के लिए है। मैं केवल चार जिलों को कवर कर सका हूं। मेरे लिए यात्रा मिशन नहीं बल्कि क्षेत्र को समझने के लिए है।”