बसपा ने पूर्व सांसद और बाहुबली नेता धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला रेड्डी का टिकट अंतिम समय में काट दिया था। इसके बाद श्रीकला चुनाव लड़ने से वंचित रह गईं। अब धनंजय सिंह ने अब यह तय कर लिया है कि वो लोकसभा चुनाव बीजेपी उम्मीदवारों का समर्थन करेंगे। वहीं श्रीकला रेड्डी ने मंगलवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की तस्वीरें सार्वजनिक कीं। इससे श्रीकला के बीजेपी में शामिल होने की चर्चा तेज है।
धनंजय सिंह ने मंगलवार को अपने समर्थकों के साथ बैठक की। इसमें उन्होंने बीजेपी को समर्थन देने का ऐलान किया। सिकरारा इलाके के एक इंटर कॉलेज कैंपस में आयोजित बैठक में धनंजय सिंह ने कहा कि उनके परिवार के कई लोग आरएसएस में हैं। इसलिए उनका आरएसएस से पुराना नाता है, वो आरएसएस की विचारधारा से समर्थक भी रहे हैं। इस बैठक में उन्होंने लोकसभा चुनाव में बीजेपी को समर्थन देने का ऐलान किया।
उन्होंने कहा, ”मैं भाजपा का साथ दूंगा, मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ हूं। मुझे पता है कि आज मेरे साथ जो लोग हैं, उनका झुकाव बीजेपी की तरफ है। जनभावनाओं का सम्मान करते हुए हमने बीजेपी को समर्थन देने का ऐलान किया है। आने वाले दिनों में मेरी पत्नी श्रीकला बीजेपी ज्वॉइन कर सकती हैं। अगर वह बीजेपी में जाती हैं तो यह उनका निजी फैसला होगा, मुझे कोई ऐतराज नहीं है।”
श्रीकला रेड्डी जौनपुर की जिला पंचायत अध्यक्ष हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को ही जौनपुर में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। बसपा ने छह मई को जौनपुर से श्रीकला रेड्डी की जगह श्याम सिंह यादव को उम्मीदवार बनाने की घोषणा की थी। उस दिन पर्चा दाखिल करने की अंतिम तारीख थी। बीजेपी ने जौनपुर में महाराष्ट्र बीजेपी के नेता कृपाशंकर सिंह को उम्मीदवार बनाया है, वो 2021 में कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए थे, वो मूलरूप से जौनपुर जिले के बक्शा ब्लॉक के सहोदपुर गांव के रहने वाले हैं। जौनपुर में समाजवादी पार्टी के टिकट पर पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा चुनाव मैदान में हैं।
जौनपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने छह मार्च को धनंजय सिंह को सात साल की सजा सुनाई थी। वो नमामि गंगे के प्रोजेक्ट एक मैनेजर के अपहरण और रंगदारी वसूलने के दोषी पाए गए थे। इसके बाद धनंजय सिंह को जेल भेज दिया गया। बीएसपी ने 16 अप्रैल को जौनपुर से धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला रेड्डी को अपना उम्मीदवार बनाने की घोषणा कर दी। उन्होंने अपना पर्चा भी दाखिल कर दिया था। धनंजय सिंह को जौनपुर जेल से 27 अप्रैल को बरेली जेल भेद दिया गया। उसी दिन इलाहाबाद हाईकोर्ट ने धनंजय सिंह को इस मामले में जमानत दे दी। उन्हें एक मई को बरेली जेल से रिहा कर दिया गया।