महाराष्ट्र के पुणे में हुए पोर्शे कार हादसा मामले में नाबालिग आरोपी के पिता को आज अरेस्ट कर लिया गया है। नाबालिग द्वारा चलाई जा रही तेज रफ्तार लग्जरी कार पोर्शे ने मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी थी। इस हादसे में दो लोगों की मौत हो गई थी। कार चला रहे 17 वर्षीय आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज करने के बाद उसे हिरासत में लिया गया था, जिसके बाद उसे किशोर अदालत में पेश किया गया था। जहां अदालत ने कुछ शर्तों के साथ युवक को जमानत दे दी थी।
आरोपी को जुवेनाइल कोर्ट के सामने होना होगा पेश
आरोपी को ‘सड़क दुर्घटनाओं के प्रभाव और उनके समाधान’ पर 300 शब्दों का निबंध लिखने का आदेश दिया गया। 15 दिनों तक यातायात पुलिस के साथ आरोपी को काम करना होगा। नशा मुक्ति केंद्र जाकर शराब के नशे को छोड़ने के लिए भी आरोपी को कहा गया है। ट्रैफिक नियमों की जानकारी लेकर उसे फिर से जुवेनाइल कोर्ट के सामने पेश होने का आदेश भी दिया गया है।
पुणे में काम करने वाले मध्य प्रदेश के अनीश अवधिया और अश्विनी कोष्टा शनिवार रात दोस्त से मिलने के बाद घर जा रहे थे। तभी पोर्शे कार की चपेट में आकर इनकी मौत हो गई। ये दोनों पेशे से इंजीनियर थे। चश्मदीदों के अनुसार आरोपी 200 किमी प्रति घंटे से अधिक की गति में गाड़ी चला रहा था और उस पर कोई नंबर प्लेट नहीं थी। एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, अश्विनी हवा में लगभग 20 फीट ऊपर उछाल और जोर से जमीन पर गिरा। बाइक को टक्कर लगने के बाद अनीश उछलकर एक खड़ी कार पर गिर गई। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।
कार में ड्राइवर के अलावा दो लोग सवार थे
कार द्वारा बाइक को टक्कर मारने के बाद चालक भाग रहा था, लेकिन एयरबैग खुल गए। वह सड़क नहीं देख सका और कार खड़ी कर दी। स्थानीय लोगों ने उसे पकड़ लिया। कार में ड्राइवर के अलावा दो लोग सवार थे। उनमें से एक भाग निकला। भीड़ ने अन्य दो की पिटाई की।
नाबालिग अपने दोस्तों के साथ एक पब से लौट रहा था, जहां वे 12वीं कक्षा की परीक्षा पास करने का जश्न मनाने के लिए पार्टी कर रहे थे। ये सभी नशे में थे। पुणे शहर के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने एक बयान में कहा था, ‘‘इस दुर्घटना के मामले में आरोपी के पिता और किशोर/अभियुक्त को शराब परोसने वाले बार के खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 और 77 के तहत कार्रवाई की जा रही है।” वहीं अब आरोपी के पिता को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
जाने क्या कहता है कानून
किशोर न्याय अधिनियम (Juvenile Justice Act) की धारा-75 के अनुसार, बच्चे पर वास्तविक नियंत्रण या प्रभार रखने वाले व्यक्ति को दंडित किया जा सकता है। यदि वह जानबूझकर बच्चे पर हमला करता है, उसे छोड़ देता है या उसकी उपेक्षा करता है और उसके साथ दुर्व्यवहार करता है। जिससे मानसिक या शारीरिक बीमारी होती है। धारा-77 किसी बच्चे को शराब या मादक पदार्थ देने से संबंधित है।