धूमनगंज में उमेश पाल और सिपाही संदीप निषाद की हत्या में शामिल अरबाज को सोमवार को एनकाउंटर में मार गिराया गया। शूटरों ने जिस क्रेटा गाड़ी से उमेश पाल पर हमला किया था। उस क्रेटा वाहन को अरबाज़ चला रहा था। चकिया क्षेत्र में हमले में प्रयुक्त क्रेटा कार बरामद होने के बाद इंजन और चेचिस नंबर से पुलिस आरोपी अरबाज तक पहुंच गई।
सोमवार की दोपहर पीपल गांव क्षेत्र में अरबाज के होने की सूचना पर पुलिस ने घेराबंदी की तो पुलिस को देखकर अरबाज ने गोलिया चलानी शुरू कर दी। जहाँ जवाबी फायरिंग में अरबाज को ढेर कर दिया गया। वही इस मुठभेड़ में धूमनगंज इंस्पेक्टर के दाहिने हाथ में भी गोली लग गई है। वही, अतीक अहमद का बेटा असद अहमद ने भी आज कोर्ट में खुद को सरेंडर कर दिया है।
जेल में बंद अतीक और मुख्तार का कनेक्शन मिला
वही, राजूपाल हत्याकांड (Rajupal murder case) के मुख्य गवाह उमेश पाल (Umesh Pal) की हत्या के मामले की जांच कर रही पुलिस जैसे-जैसे अपनी तफ्तीश में आगे बढ़ रही है। उसे इस हत्याकांड में माफिया अतीक अहमद (Atiq Ahmed) से लेकर बाहुबली मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) के गैंग का भी नाम सामने आ रहा है। पुलिस की अब तक जांच इस ओर संकेत कर रही है कि, यह हत्याकांड गुजरात की जेल में बंद अतीक के इशारे पर बरेली की जेल में योजना बनाकर फिर प्रयागराज में अंजाम दिया गया था।
मुख्तार अंसारी के भाई मंसूर की अतीक के भाई अशरफ और बेटे अली से बीते कुछ दिनों के दौरान जेल में हुई मुलाकात की गहनता से जांच की जा रही है। पुलिस अधिकारी अशरफ और अली से पूछताछ कर रहे हैं। वहीं तीन राज्यों में शूटरों की तलाश में छापामारी की जा रही है। एसटीएफ (STF) की प्रारंभिक जाँच पड़ताल में मालूम चला है कि, उमेश पाल की हत्या की साजिश गुजरात की साबरमती जेल में बंद अतीक अहमद (Atiq Ahmed) ने रची थी।
मुख्तार अंसारी के कुछ गैंग गुजरात जेल में बंद अतीक अहमद के संपर्क में थे
एसटीएफ (STF) की शुरुआती पड़ताल में इसकी पुष्टि हुई है। सुराग मिले हैं कि, मुख्तार अंसारी के कुछ गैंग गुजरात जेल में बंद अतीक अहमद के संपर्क में थे। आशंका है कि, अतीक अहमद ने इन गैंगो के जरिए गुड्डू मुस्लिम और गुलाम से उमेश पाल की हत्या करने को कहा था। इसके बाद दोनों ने आपने साथियो के साथ मिलाकर इस घटना को अंजाम दिया था। बता दे कि, बीते दिन कोर्ट से वापस आ रहे उमेश पाल की हत्या उनके घर के बाहर हुई थी। जहाँ हमलावरों ने उनके गाड़ी से उतारते ही उन पर गोलियों की बौछार करने लगे। जिस कारण इस हमले में उमेश पाल का निधन हो गया।