हेल्थ और मेडिकल रिसर्च (Health and Medical Research) पर आयोजित वेबिनार पर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने संबोधित किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने अपने संबोधन में बताया कि, कोरोना ने दिखाया कि, जब ऐसा संकट आता है तो समृद्ध राष्ट्रों की विकसित व्यवस्थाएं भी चरमरा जाती हैं। विश्व अब स्वस्थ्य पर अधिक ध्यान दे रही है, लेकिन भारत द्वारा लोगों का कल्याण भी किया जा रहा है ना कि सिर्फ हमारा फोकस स्वास्थ्य सेवा तक सीमित है। इसलिए हमने दुनिया के सामने वन अर्थ, वन हेल्थ का विजन, सभी के लिए समग्र कल्याण का विजन रखा है।
संकट आता है तो समृद्ध राष्ट्रों की विकसित व्यवस्थाएं भी चरमरा जाती हैं: PM
अपने भाषण में उन्होंने (Narendra Modi) कहा कि, “कोरोना ने हमें यह भी सिखाया है कि सप्लाई चेन बहुत अहम है। जिस दौरान महामारी अपने चरम पर थी। उस दौरान कुछ देशों के लिए दवाएं, टीके व अन्य चिकित्सा संबंधित उपकरणों ने लोगों की जान बचाने में हथियार का काम किया। आजादी के कुछ दशकों तक स्वास्थ्य क्षेत्र में समग्र और दूरदृष्टि का अभाव था। हमने स्वास्थ्य सेवा को केवल स्वास्थ्य मंत्रालय तक ही सीमित नहीं रखा बल्कि सरकार के संपूर्ण दृष्टिकोण पर जोर दिया है।”
देश में गुणवत्तापूर्ण और आधुनिक स्वास्थ्य ढांचा आवश्यक है: मोदी
उन्होंने आगे कहा कि, “देश में गुणवत्तापूर्ण और आधुनिक स्वास्थ्य ढांचा आवश्यक है, ताकि गंभीर बिमारियों के खिलाफ लड़ा जा सके। सरकार इस पर भी फोकस कर रही है कि लोगों को अपने घरों के पास ही जांच की सुविधा मुहैया कराई जाए ताकि उन्हें प्राथमिक उपचार बेहतर ढंग से मिल सके। इसके लिए देश में 1.5 लाख हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर तैयार किए जा रहे हैं। भारत में चिकित्सा उपार को सस्ता बनाना हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। आयुष्मान भारत के तहत 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज इसी का नतीजा है। इसके तहत चिकित्सा उपचार पर खर्च होने वाले लगभग 80,000 करोड़ रुपये बचाए गए हैं।”