चुनाव से पहले ही PM Modi कर रहे अगले कार्यकाल की तैयारी, जाने पांच वर्षों का प्लान

आपको बता दे ये पहेली बार है की चुनाव से पहले ही सरकार ने आगे के कार्यालय कली तैयारी शुरू कर दी है। आइए जानते है pm मोदी के आगे आने वाले 5 साल के क्या प्लान्स है जो उन्होंने लोकसभा के चुनाव से पहले बनाये है।

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आगामी लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले ही पीएम मोदी अगले कार्यकाल की तैयारी में जुट गए हैं। मोदी की अध्यक्षता में बीते दिन उनकी मंत्रिपरिषद ने आठ घंटे तक मैराथन बैठक की। बैठक में न सिर्फ विकित भारत 2047 के एजेंडे पर चर्चा हुई बल्कि नई सरकार के कार्यकाल के पहले सौ दिनों के एजेंडे पर भी विचार विमर्श हुआ।आपको बता दे ये पहेली बार है की चुनाव से पहले ही सरकार ने आगे के कार्यालय कली तैयारी शुरू कर दी है। आइए जानते है pm मोदी के आगे आने वाले 5 साल के क्या प्लान्स है जो उन्होंने लोकसभा के चुनाव से पहले बनाये है।

विकित भारत 2047′ का एजेंडा

बैठक में न सिर्फ ‘विकित भारत 2047’ के एजेंडे पर चर्चा हुई, बल्कि नई सरकार के कार्यकाल के पहले सौ दिनों के एजेंडे पर भी विचार विमर्श से किया गया । प्रधानमंत्री मोदी ने मंत्रियों को गैरजरूरी बयानबाजी व डीप फेक से बचने का निर्देश भी दिया । यह मोदी सरकार की मंत्रिपरिषद की अंतिम बैठक है, क्योंकि हफ्तेभर के भीतर आम चुनाव-2024 की घोषणा होने की संभावना है।

अगले पांच वर्षों की कार्ययोजना

अप्रैल से मध्य मई, 2024 तक सात से आठ चरणों में चुनाव होने की संभावना है। जानकारी के अनुसार बैठक में मुख्य तौर पर विकसित भारत-2047 के दृष्टि पत्र और अगले पांच वर्षों की कार्ययोजना पर विस्तार से चर्चा हुई। साथ ही मई, 2024 में गठित होने वाली नई सरकार के पहले सौ दिनों के एजेंडे एवं उठाए जाने वाले कदमों पर चर्चा हुई।

जाने, पीएम मोदी का ‘विकसित भारत 2047’ प्लान?

पिछले कुछ वर्षों से पीएम मोदी अपने भाषणों में विकसित भारत विजन की चर्चा करते आ रहे हैं। पीएम ने आजादी के 100 साल बाद 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र में बदलने की अपनी सरकार की कार्य योजना व्यक्त की है। विकसित भारत 2047 के रोडमैप में मोदी ने देश के बड़े लक्ष्यों, उद्देश्यों और कई योजनाओं पर फोकस रखा है।
पीएम मोदी के इस प्लान में आर्थिक विकास, लोगों के जीवनयापन को आसान बनाना, व्यापार करने में आसानी, बुनियादी ढांचे और सामाजिक कल्याण जैसे कई मुद्दे शामिल हैं। बता दें कि मंत्रिपरिषद की ये बैठक अचानक नहीं बुलाई गई थी, बल्कि इसकी तैयारी पिछले दो वर्षों से चल रही थी। इस दौरान सभी मंत्रालयों की अगुआई में राज्य सरकारों, शिक्षाविदों, उद्योग जगत के प्रतिनिधियों, विज्ञानियों, विज्ञान संगठनों, सिविल सोसायटी के लोगों से विमर्श किया गया।