दिल्ली विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह में शामिल हुए पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली मेट्रो से सफर कर यूनिवर्सिटी पहुंचे हैं। यहां आज शताब्दी समारोह के समापन के दौरान पीएम मोदी ने छात्रों को कई सौगाते दी हैं।

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आज यानि शुक्रवार को दिल्ली यूनिवर्सिटी (Delhi University) का शताब्दी समारोह मनाया जा रहा है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यूनिवर्सिटी में छात्रों के बीच पहुंचे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली मेट्रो से सफर कर यूनिवर्सिटी पहुंचे हैं। यहां आज शताब्दी समारोह के समापन के दौरान पीएम मोदी ने छात्रों को कई सौगाते दी हैं।

उन्होंने आज दिल्ली यूनिवर्सिटी कैंपस में तीन नई इमारतों की आधारशिला रखी। पीएम मोदी ने डीयू के कंप्यूटर सेंटर और फैकल्टी ऑफ टेक्नोलॉजी के भवन और यूनिवर्सिटी के नार्थ कैंपस में बनने वाले अकादमिक ब्लॉक की आधारशिला रखी। इस मौके पर डीयू ने छात्रों के लिए कुछ गाइडलाइन भी तय कर दी है, जिसमें 100 प्रतिशत उपस्थिति, काले ड्रेस पर पाबंदी सहित कई नियम है।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कही ये बात

दिल्‍ली यूनिवर्सिटी के VC प्रोफेसर योगेश सिंह (Yogesh Singh) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्‍वागत में विशेष कविता पढ़ी। उन्‍होंने कहा, ‘ऐसे प्रधानमंत्री कहां मिलते हैं।’ उन्‍होंने पीएम मोदी को अद्भुत रूप से प्रभावी, मेहनती और देशप्रेमी भी बताया। उन्‍होंने शिक्षामंत्री धम्रेंद्र प्रधान का भी स्‍वागत किया।

इस दौरान पीएम मोदी दिल्ली विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह में शामिल हुए और उन्होंने अपना संबोधन शुरू कर दिया है। जहाँ पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि, कुछ लोग जो मेरे सामने बैठे हैं वे मेरे साथ के हैं, यहां आना मतलब घर आने जैसा है।

अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि, दिल्‍ली यूनिवर्सिटी का इतिहास खास है। यह सिर्फ एक यूनिवर्सिटी नहीं, बल्कि एक मूवमेंट है। इस यूनिवर्सिटी ने अपने लंबे इतिहास में हर आंदोलन को जिया है। कभी दिल्ली यूनिवर्सिटी में केवल 3 कॉलेज थे, आज 90 से ज्‍यादा हैं। कभी भारत की इकॉनमी खस्‍ता हालत में थी, आज दुनिया की टॉप 5 इकॉनमी में शामिल हो गई है।

AI और VR अब साइंस फिक्‍शन नहीं, हमारे जीवन का हिस्‍सा हैं: PM

उन्होंने आगे कहा कि अब डीयू में पढ़ने वाली लड़कियों की संख्‍या लड़कों से ज्‍यादा हो गई है इसका अर्थ है कि शिक्षण संस्‍थाओं की जड़ें जितनी गहरी होती हैं, देश की शाखाएं उतनी ही फैलती हैं। हमारे एजुकेशन इंस्टिट्यूट्स दुनिया में अपनी अलग पहचान बना रहे हैं। इसके पीछे सबसे बड़ी गाइडिंग फोर्स है भारत की युवा शक्ति।

पीएम मोदी ने आगे कहा कि, एक समय था जब स्‍टूडेंट्स किसी इंस्टिट्यूट में एडमिशन से पहले केवल प्‍लेसमेंट को प्राथमिकता देते थे। युवा अब कुछ नया करना चाहता है। 2014 से पहले देश में कुछ सौ स्‍टार्टअप थे। अब भारत में स्‍टार्टअप की संख्‍या 1 लाख पार कर गई है। AI और VR अब साइंस फिक्‍शन नहीं, हमारे जीवन का हिस्‍सा हैं। ड्राइविंग से लेकर सर्जरी तक, सभी कुछ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से संभव हो रहा है।