स्वामीनारायण गुरुकुल संस्थान अमृत महोत्सव: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (24 दिसंबर) वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से श्री स्वामीनारायण गुरुकुल राजकोट संस्थान के 75वें अमृत महोत्सव को संबोधित किया। उन्होंने कहा, ‘मैं राजकोट गुरुकल के 75 वर्षों की इस यात्रा के लिए आप सभी को हृदय से बधाई देता हूं। इस संस्थान का भविष्य और भी यशस्वी और सेवा क्षेत्र में इसका योगदान अप्रतिम होगा।’ पीएम ने कहा कि यह संस्थान स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और सामुदायिक सेवा के अन्य पहलुओं जैसे क्षेत्रों में सराहनीय कार्य कर रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘भगवान स्वामीनारायण के नाम का स्मरण मात्र से ही मुझमें ऊर्जा का संचार हो जाता है। आज आप सभी की गरिमामयी उपस्थिति में मैं इस अवसर पर धन्य महसूस कर रहा हूं।’
पीएम मोदी ने कहा कि पूज्य धर्मजीवन दास जी स्वामी जी का गुरुकुल के लिए जो विजन था, उसमें अध्यात्म और आधुनिकता से लेकर संस्कृति और संस्कार तक समाहित था। देश आजाद होने के बाद हम पर जिम्मेदारी थी कि शिक्षा के क्षेत्र में हम अपने प्राचीन वैभव और महान गौरव को पुनर्जीवित करें। स्वामीनारायण गुरुकुल इसी गौरव का उत्कृष्ट उदहारण है। स्वामीनारायण गुरुकुल राजकोट की यात्रा के 75 वर्ष ऐसे कालखंड में पूरे हो रहे हैं, जब देश अपनी आजादी के 75 वर्ष मना रहा है। इस गुरुकुल ने छात्रों के मन-मस्तिष्क को अच्छे विचारों और मूल्यों से सींचा है, ताकि उनका समग्र विकास हो सके। पिछली सरकार की गुलाम मानसिकता ने उन्हें कभी भी हमारी महान शिक्षा प्रणाली का महिमामंडन नहीं करने दिया। हमारे शिक्षकों और संतों ने यह सुनिश्चित करने के लिए खुद यह जिम्मेदारी उठाई कि स्वामीनारायण गुरुकुल में हमारी परंपराओं और मूल्य-आधारित शिक्षा प्रदान की जाए।
श्री स्वामीनारायण गुरुकुल राजकोट संस्थान की स्थापना 1948 में द्रष्टा श्री धर्मजीवनदासजी स्वामी द्वारा राजकोट में की गई थी।
प्रधान मंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने कहा कि इसका विस्तार हुआ है और वर्तमान में इसकी दुनिया भर में 40 से अधिक शाखाएँ हैं, जो 25,000 से अधिक छात्रों को स्कूल, स्नातक और स्नातकोत्तर शिक्षा की सुविधा प्रदान करती हैं।