राष्ट्रीय जलमार्ग-1 (National Waterway-1) पर पटना से वाराणसी (Varanasi) के बीच जलयान चलेगा। इस जलमार्ग द्वारा सफर की शुरुआत जुलाई से होगी। पटना से काशी की दूरी करीब आठ घंटे में तय होगी। इससे पर्यटन और वाणिज्यिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWA) ने पटना से वाराणसी (Varanasi) के बीच जलयान संचालन के लिए सर्वे कराया है। साथ ही गति में आने वाली बधाएं दूर कर रहा है।
वही ये सभी चीज़े योजना के तहत हुई तो हर 15 दिन में यह जलयान पटना से वाराणसी (Varanasi) आएगा। पटना के दीघा घाट से रवाना होकर वाराणसी के रविदास घाट पर पहुंचेगा। इस जलयान में 300 यात्रियों के आवागमन की सुविधा रहेगी। आधुनिक सुविधा-संसाधनों से लैस जलयान से व्यापारिक गतिविधियां भी आगे बढ़ाई जा सकेंगी।
आईडब्ल्यूए के निदेशक एलके रजक ने बताया कि, जुलाई के अंतिम सप्ताह में 300 पर्यटकों को लेकर जलयान वाराणसी पहुंचेगा। इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। सड़क की तर्ज पर जलयानों की गति बढ़ाई जा रही है। जलमार्ग आवाजाही प्रकृति के लिए लाभकारी होने के साथ आर्थिक रूप से भी सस्ता है।
उन्होंने आगे कहा कि, लोग इस रास्ते में पड़ने वाले सभी ऐतिहासिक स्थलों को भी देखते हुए सफर कर सकेंगे। पटना से वाराणसी तक के इस सफर का किराया फिलहाल तय नहीं किया गया है। वैसे अधिकारी का कहना है कि टूर का पैकेज सस्ता ही होगा, जिससे सभी वर्ग के लोग इसका आनंद ले सकें।
निदेशक एलके रजक ने बताया कि, पीपीपी मॉडल के तहत यह सुविधा शुरू कराई जा रही है। यात्रियों की सुविधा की दृष्टि से जलयान पर दो रेस्टोरेंट होंगे। यात्रियों की मांग पर रास्ते में पड़ने वाले प्रदेशों, शहरों और पड़ावों के प्रमुख स्थानों के व्यंजन भी उपलब्ध कराए जाएंगे।
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