छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) विधानसभा में मानसून सत्र के अंतिम दिन राज्य के मुख्य विपक्षी दल बीजेपी द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाया गया। इसपर लगभग 13 घंटे तक बहस चली जिसके बाद अविश्वास प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया गया। विपक्ष द्वारा सरकार पर 109 आरोप लगाए गए। भारतीय जनता पार्टी द्वारा विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाया गया। इस पर शुक्रवार की दोपहर 12 बजे से बहस शुरू हुई। यह बहस देर रात तक 1 बजे तक चली। बता दें कि राज्य में 90 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 71 और बीजेपी के 13 विधायक हैं। बीजेपी ने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था बिगड़ चुकी है। युवाओं के साथ धोखा किया गया है।
‘जब हमारी सरकार बनी तब हमने ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ की बात की’
वही इसपर भूपेश बघेल ने जवाब देते हुए कहा कि जब हमारी सरकार बनी तब हमने ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ की बात की और इसे साकार करने की दिशा में हम लगातार काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, विपक्ष द्वारा पेश अविश्वास प्रस्ताव में शामिल मुद्दों में कोई तथ्य नहीं है। प्रजातंत्र में विपक्ष का अधिकार होता है कि वह अविश्वास करे। सत्ता पक्ष के पास भी मौका होता है कि अपनी बात रखे। इन्होंने 109 आरोप लगाए, पर उनके समर्थन में कोई तथ्य नहीं दिए। अतीत में जब अविश्वास प्रस्ताव आता था, तब नक्सली समस्या पर पहले बात होती थी। इस बार सदस्यों ने इस पर चर्चा नहीं की। यह हमारी उपलब्धि है।
महिलाओं के जीवन मे बदलाव आया है: भूपेश बघेल
भूपेश बघेल ने कहा कि बस्तर में पहले सड़कें काट दी जाती थीं। पिछली सरकार द्वारा जो स्कूलों को बंद करा दिए गए थे, उन्हें हमने शुरू कर दिया है। पहले उन स्थानों पर राशन पहुंचाना टेढ़ी खीर थी लेकिन अब यह आसान हो गया है। बस्तर में कई बदलाव आए हैं। आज हमने किसानों की जिंदगी बदली है। बस्तर, सरगुजा में परिवर्तन हुआ है। महिलाओं के जीवन मे बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि आज राज्य में 33 जिले हो गए हैं। प्रति व्यक्ति आय भी बढ़ चुकी है।सरकार ने राजीव गांधी न्याय योजना, भूमिहीन ग्रामीण श्रमिक योजना, गोधन न्याय योजना शुरू की है। सरकार ने किसानों का 9,500 करोड़ रुपये का ऋण माफ किया है।