कुछ महीनों तक टमाटर की कीमत ने आम लोगों के रसोई का बजट बिगाड़ दिया था और अब प्याज की कीमत भी उसी राह पर चल पड़ी है. पिछले कुछ दिनों में प्याज की कीमत में रिकॉर्ड बढ़ोतरी देखी गई है. दिल्ली एनसीआर में एक हफ्ते में प्याज के दाम दोगुने हो गए हैं. इसके अलावा बेंगलुरु, पंजाब, मुंबई और देश के अन्य शहरों में प्याज की कीमत 100 रुपये के करीब पहुंच गई है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्याज की कीमत अभी और बढ़ने की आशंका है. रविवार को बेंगलुरु में प्याज का थोक रेट 70 रुपये प्रति किलो था, जो एक हफ्ते पहले 50 रुपये था. वहीं, खुदरा कीमत 39 रुपये से बढ़कर 80 रुपये प्रति किलो हो गई है. टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक, प्याज की कीमतें अभी कुछ दिनों तक ऊंचे स्तर पर रहेंगी और यह 100 रुपये को पार कर 150 रुपये प्रति किलो तक जा सकती हैं.
प्याज के दाम दोगुने हो गए
स्थानीय किसानों से प्याज की कम आपूर्ति के कारण इसकी कीमतें तेजी से बढ़ी हैं. हुबली में एक हफ्ते में प्याज की कीमत 2500 रुपये से 3000 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़कर 6,000-6,600 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है. इसी तरह खुदरा बाजार में प्याज की कीमत 30 से 35 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 75 से 80 रुपये प्रति किलो हो गयी है. ये कीमतें सिर्फ एक हफ्ते में बढ़ी हैं
सरकार ने क्या करने की योजना बनाई?
बढ़ती कीमतों को कम करने के लिए सरकार ने कुछ ठोस कदम उठाए हैं. शनिवार को प्याज के निर्यात पर शुल्क की घोषणा की गई. अब दिसंबर तक प्याज का निर्यात मूल्य 60 रुपये प्रति किलो होगा, जो पहले 40 रुपये प्रति किलो था. निर्यात शुल्क बढ़ाने से घरेलू बाजार में ज्यादा प्याज पहुंचेगा, जिससे कीमतें कम हो सकती हैं.
इतनी तेजी से क्यों बढ़ रही है प्याज की कीमत?
एचटी के मुताबिक, विशेषज्ञों का कहना है कि बाजार में उपलब्ध प्याज का आखिरी स्टॉक जमा किया जा रहा है, जिसके कारण आपूर्ति तेजी से घट रही है। वहीं, स्थानीय बाजार में प्याज की आपूर्ति कम हो गई है, जिसके कारण प्याज की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, अगर सरकार ने इस पर तुरंत कार्रवाई नहीं की तो प्याज की कीमत 120 से 150 रुपये प्रति किलो तक जा सकती है.