बिल दिखाने पर एक करोड़ का इनाम, मुफ्त गुरबानी विवाद में PTC ने दिया चैलेंज

रवींद्र नारायण ने कहा कि, गुरबानी पहले से ही मुफ्त है, सभी PTC नेटवर्क चैनलों को भारत सरकार द्वारा फ्री-टू-एयर चैनलों के रूप में नामित किया गया है।

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अमृतसर (Amritsar) स्थित हरमंदिर साहिब (Harmandir Sahib) यानी स्वर्ण मंदिर (Golden Temple) से गुरबाणी (Gurbani) के मुफ्त प्रसारण के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) के प्रस्तावित विधेयक पर बढ़ती राजनीति के बीच गुरबाणी प्रसारण के लिए अब तक जिम्मेदार रहे समाचार नेटवर्क के प्रमुख ने पूरे राज्य मंत्रिमंडल को एक भी ऐसा बिल दिखाने की चुनौती दी है, जहां किसी दर्शक को गुरबानी को सब्सक्राइब करने के लिए कोई भुगतान करना पड़ा हो। उन्होंने देशभर में किसी भी ऐसे शख्स को 1 करोड़ रुपये का इनाम देने की घोषणा की, जो ऐसा बिल पेश कर सके कि गुरबानी को सब्सक्राइब करने के लिए उन्हें भुगतान करना पड़ा था।

PTC नेटवर्क के प्रबंध निदेशक रवींद्र नारायण (Ravindra Narayan) ने कहा कि, “गुरबानी पहले से ही मुफ्त है, सभी PTC नेटवर्क चैनलों को भारत सरकार द्वारा फ्री-टू-एयर चैनलों के रूप में नामित किया गया है। कोई केबल ऑपरेटर, डीटीएच ऑपरेटर, कोई पैसा नहीं लेता है। यह यूट्यूब और फेसबुक पर भी मुफ्त में उपलब्ध है, तो कैसे वे गुरबानी को फ्री-टू-एयर बनाने का दावा कर रहे हैं।”

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सोमवार को कहा था कि, गुरबाणी सबका अधिकार है और यह नि:शुल्क होनी चाहिए। उन्होंने राज्य विधानसभा में एक प्रस्ताव पेश करने के बाद कहा कि वह सिख गुरुद्वारा अधिनियम, 1925 में एक नया खंड जोड़ने की योजना बना रहे हैं।

भगवंत मान ने एक ट्वीट में कहा, “ऊपरवाले के आशीर्वाद से हम कल एक ऐतिहासिक निर्णय लेने जा रहे हैं। सभी भक्तों की मांग के अनुसार हम सिख गुरुद्वारा अधिनियम, 1925 में एक नया खंड जोड़ रहे हैं कि हरमिंदर साहिब से गुरबाणी का प्रसारण सभी के लिए मुफ्त होगा। किसी टेंडर की ज़रूरत नहीं होगी, कल कैबिनेट में 20 जून को राज्य विधानसभा में वोट लिया जाएगा।”

वर्ष 1998 से ही हरमंदिर साहिब से सुबह और शाम गुरबानी का प्रसारण किया जा रहा है। गुरबानी के प्रसारण अधिकार 2007 से सूबे में राजनीतिक रूप से बेहद शक्तिशाली बादल परिवार के स्वामित्व वाले PTC नेटवर्क के पास हैं। टीवी नेटवर्क इस प्रसारण अधिकार के लिए हरमंदिर साहिब का प्रशासन चलाने वाली शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) को सालाना 2 करोड़ रुपये का भुगतान करता है। गुरबानी के प्रसारण के लिए SGPC और PTC नेटवर्क का अनुबंध जुलाई, 2023 में समाप्त हो रहा है। वही SGPC ने आरोप लगाया है कि, सरकार धार्मिक मामलों में दखल दे रही है।