कार्तिक पूर्णिमा स्नान पर्व पर भक्तों ने संगम सहित गंगा और यमुना में लगाई डुबकी

संगम पर लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा-यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में डुबकी लगाकर पुण्य लाभ अर्जित किया।

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कार्तिक पूर्णिमा स्नान पर्व पर बड़ी संख्या में भक्तों ने संगम सहित गंगा और यमुना में पुण्य की डुबकी लगाई। स्नान और दान का सिलसिला भोर से ही शुरू हो गया था। संगम पर लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा-यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में डुबकी लगाकर पुण्य लाभ अर्जित किया। इसके बाद दीपदान कर मां गंगा की आरती उतारी गई।

घाट पर सुरक्षा व्यवस्था की दृष्टि से व्यापक बंदोबस्त किया गया था। पुलिस बल के साथ महिला पुलिसकर्मियों की भी ड्यूटी लगाई गई थी। संगम सहित बलुआ घाट, काशीराज घाट, नागवासुकि, रामघाट, काली घाट, सरस्वती घाट, किला घाट, वीआईपी घाट, महावीर घाट सहित गंगापार के श्रृंगवेरपुर, फाफामऊ, नवाबगंज,झूंसी के अलावा यमुना पार के नैनी, अरैल आदि घाटों पर श्रद्धालुओं ने स्नान किया।

स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने संगम तट पर स्थित श्रीबड़े हनुमानजी का दर्शन पूजन किया। दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगी रही। मंदिर परिसर में भंडारे के साथ ही सुंदरकांड और अखंड रामायण श्रीहरिकीर्तन सहित अन्य अनुष्ठान चल रहे हैं। दर्शन पूजन के बाद श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। इसके अलावा भगवान शिव, रामजानकी सहित अन्य मंदिरों में भक्तों ने दर्शन पूजन किया। रामघाट पर स्थित रामजानकी मंदिर के अलावा काली मंदिर आदि में श्रद्धालुओं ने दर्शन पूजन किया।

बता दे कि कार्तिक मास की पूर्णिमा पर स्नान का विशेष महत्व बताया गया है। शास्त्रों में वर्णित है कि इस दिन किए गंगा स्नान से पूरे वर्ष भर गंगा स्नान करने के समान फल मिलता है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा, यमुना या अन्य नदियों में स्नान करने से विशेष पुण्य लाभ मिलता है।