महाशिवरात्रि (Mahashivratri) के पावन पर्व पर नाथनगरी (Nathanagri) (बरेली) के शिवालयों में शनिवार भोर से ही बम-बम भोले के जयकारे गूंजने लगे है। जलाभिषेक के लिए सभी प्रमुख मंदिरों में श्रद्धालुओं की लम्बी लाइन लगी है।
मंदिरों में उमड़ने वाली श्रद्धालुओं की अपार भीड़ को नियंत्रित करने के लिए शुक्रवार देर शाम तक व्यवस्थाओं को अंतिम रूप दिया गया। साथ ही फूलों और विद्युत मालाओं से भव्य सजावट की गई। शहर की गलियों में भगवान भोलेनाथ के जयकारे गूंज रहे हैं।
मंदिर में फूलों और लाइटों से भव्य सजावट की गई है
महाशिवरात्रि (Mahashivratri) पर शहर के प्रमुख शिवालय बाबा अलखनाथ मंदिर, बाबा त्रिवटीनाथ मंदिर, बाबा धोपेश्वरनाथ मंदिर, बाबा बनखंडीनाथ मंदिर, श्री तपेश्वरनाथ मंदिर, श्रीमढ़ीनाथ मंदिर और पशुपतिनाथ मंदिर में फूलों और लाइटों से भव्य सजावट की गई है।
श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए अचे से इंतज़ाम किया गया है। इसमें एक तरफ से आने और दूसरी तरफ से जाने की व्यवस्था है। इसमें तमाम सेवक भी श्रद्धालुओं की मदद कर रहे हैं। कुछ मंदिरों में वाहनों के लिए पार्किंग की भी व्यवस्था की गई है।
महाशिवरात्रि शिव और शक्ति के मिलन का पर्व है
पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक महाशिवरात्रि, शिव और शक्ति के मिलन का पर्व है। श्रद्धालु महाशिवरात्रि पर जागरण करते व शिव जी की पूजा- अर्चना करते है। इतना ही नहीं महाशिवरात्रि पर शिव-शक्ति को प्रसन्न करने के लिए उनके विवाह की झांकी भी निकाली जाती है।
ज्योतिषाचार्य कृष्ण के शर्मा के मुताबिक, महाशिवरात्रि (Mahashivratri) का शाब्दिक अर्थ “शिव की महान रात” है। महाशिवरात्रि पर जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक करने से भगवान भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं।