Nuh Violence: ‘अंतिम बार जल्दबाजी में भाई से बात भी नहीं कर पाया था’… बड़े भाई बोले

शादाब ने कहा कि रात 12:30 बजे ही तो उन्होंने भाई से बात की थी और उसे सांप्रदायिक तनाव को देखते हुए अपना ख्याल रखने को कहा था।

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हरियाणा के नूंह में शोभा यात्रा के दौरान भड़की हिंसा की आग मंगलवार को गुरुग्राम तक पहुंच गई। जहाँ गुरुग्राम के सेक्टर-57 में निर्माणाधीन मस्जिद में आस-पास गांव के रहने वाले लगभग 100 लोगों ने आधी रात करीब सवा बारह बजे हमला बोल दिया। इस दौरान आरोपियों ने वहां पर बगल में सो रहे हाफिज साद नामक युवक की धारदार हथियार से हत्या कर दी। जबकि उसका दूसरा साथी गंभीर रूप से जख्मी है।

जहाँ उपद्रव करने वालों ने बेसमेंट में आग लगा दी। फायर ब्रिगेड की टीम ने आग पर नियंत्रण पा लिया। सेक्टर-56 थाना पुलिस ने वहां पर तैनात सुरक्षा कर्मियों के बयान पर दस लोगों के नाम मामला दर्ज किया है। मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने दो लोगों को सुरक्षित बाहर भी निकाला है। इनकी पहचान इजहार व शहाबुद्दीन निवासी बुलंदशहर के रूप में हुई है।

अराजक तत्वों के द्वारा की गई हिंसा में जान गंवाने वाले सेक्टर-57 मस्जिद के इमाम मोहम्मद साद के भाई शादाब अनवर ने कहा कि लोगों को कोई समस्या थी तो मस्जिद प्रबंधन से बात करते, उनके मासूम भाई का क्या कसूर था जो उसे मार डाला। भाई के बारे में उन्होंने राेते हुए बताया कि अंतिम बार जल्दबाजी में भाई से बात भी नहीं कर पाया था। उसे अच्छे से देख भी नहीं पाया था। छोटे भाई की मौत के बाद गमगीन शादाब को अब कई बातों का मलाल है। उन्होंने कहा कि भाई को सीतामढ़ी जाना था, जिसका टिकट भी हो चुका था।

जहाँ कन्फर्म टिकट का मैसेज दिखाते हुए अनवर ने कहा, आज ही तो मेरा भाई जाने वाला था। उसका जाने का एक अगस्त व आने का 30 अगस्त का टिकट हुआ था, लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था। शादाब ने कहा कि रात 12:30 बजे ही तो उन्होंने भाई से बात की थी और उसे सांप्रदायिक तनाव को देखते हुए अपना ख्याल रखने को कहा था और ठीक एक घंटे बाद उनके पास 1:30 बजे फोन आया कि छोटा भाई अस्पताल में है। अस्पताल पहुंचे तो उसकी मौत हो चुकी थी। शादाब के मुताबिक उनके भाई की मौके पर ही मौत हो गई थी।

उन्होंने कहा कि सोमवार को मरकज जाने से पहले जल्दबाजी में सिर्फ एक नजर ही उसे देख पाया था लेकिन तब भी उसे अपना खयाल रखने को कहा था। भाई से दूर परिवार के साथ अलग जगह पर रहने वाले शादाब ने कहा, सोचा था कि घर पर बुलाकर उससे ढेर सारी बातें करूंगा लेकिन अब यह कभी नहीं होगा। सेक्टर-57 मस्जिद में नायब इमाम मोहम्मद साद अजान करते थे और इमाम के न रहने पर नमाज भी कराते थे। शादाब ने बताया कि शाम चार बजे घर पर खबर दे दिया हूं। पोस्टमार्टम के बाद शव को लेकर बिहार जाएंगे और सीतामढ़ी स्थित पैतृक गांव में उसे सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा।