Madhya Pradesh: आज राणापुर (Ranapur) में परिषद की बैठक आयोजित की गई, जिसमें नगर विकास से संबंधित तथा राजस्व वृद्धि को लेकर निर्णय लिये गये। आज की परिषद बैठक में कुल 26 विषय परिषद के समक्ष विचारण हेतु रखे गये थे, जिसमें निम्न निर्णय प्रमुख रहे –
- परिषद के वित्तीय घाटे को कम करने के लिए विभिन्न करो/शुल्को में वृद्धि का प्रस्ताव मुख्य नगर पालिका अधिकारी के द्वारा परिषद के समक्ष रखा, जिसमें प्रमुख रूप से जलकर वृद्धि किये जाने का प्रस्ताव रहा। मुख्य नगर पालिका अधिकारी के द्वारा परिषद को जानकारी देते हुए बताया कि अभी वर्तमान में जलप्रदाय योजनाओं पर आमदनी से दोगुना से भी अधिक खर्च हो रहा है। ज्ञात हो कि जलकर की सबसे विकट समस्या राणापुर में ही है तथा जलकर की दर भी जिले में सबसे कम राणापुर (Ranapur) में ही है। झाबुआ जिले की अन्य निकायो में जलकर की दर 200/- प्रतिमाह के लगभग है किंतु राणापुर (Ranapur) में आज भी 60/- जलकर की दर है जो कि वर्ष 2011 से नही बढाई गयी है, जबकि मोदसागर डेम में पेजयल हेतु आरक्षित पानी का प्रतिवर्ष का खर्च, बिजली, कर्मचारियों के वेतन, मेंटनेंस, रखरखाव इत्यादि पर खर्च साल दर साल बढता जा रहा है, जिस कारण से करो में वृद्धि किया जाना निकाय हित में अत्यंत आवश्यक हो गया है। मुख्य नगर पालिका अधिकारी के द्वारा जलकर की दरे 220/- प्रतिमाह किये जाने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया, जिस पर पार्षदो के द्वारा अधिक वृद्धि मानते हुए उक्त वृद्धि से सहमत ना होते हुए घरेलु जलकर रू. 120/- तथा व्यवसायिक जलकर रू. 240/- प्रतिमाह किये जाने का प्रस्ताव पारित किया। मुख्य नगर पालिका अधिकारी के द्वारा बताया गया कि उक्त वृद्धि के बाद भी जलप्रदाय योजना में लागत/खर्च की पूर्ति नही हो सकती है। इसके साथ ही नामांतरण शुल्क सहित अन्य करो/शुल्को में भी वृद्धि का निर्णय लिया गया।
- सुशासन अभियान अंतर्गत परिषद के द्वारा 1 जनवरी से घर-घर जाकर मृत्यू प्रमाण पत्र की कार्यवाही पूर्ण किये जाकर घर पर ही निःशुल्क दिये जाने का निर्णय लिया गया।
- अवैध नल कनेक्शनो को भी जनवरी माह मे सर्वेकर 02 महिने (फरवरी, मार्च 2023) का समय एकमुश्त समझौता शुल्क रू. 5000/- जमा कराकर नियमित करवा सकते है। अप्रेल 2023 के बाद रू. 10,000/- एवं 1 वर्ष का जलकर राशि दण्ड के रूप में जमा कराना होगी।
- अस्थाई दखल ठेके की वसुली जो पूर्व में ठेकेदार के द्वारा की जा रही थी जो कि शासन से निर्देश प्राप्त होने पर ठेकेदार का ठेका निरस्त कर दिया था, परिषद कें द्वारा आय वृद्धि को दृष्टिगत रखते हुए अस्थाई दखल की राशि नगर परिषद कर्मचारी द्वारा वसूल किये जाने का निर्णय लिया गया।
- पुराने फायर वाहन जो कि अनुपयोगी है तथा उसमें मरम्मत का भी काफी कार्य है इसलिए उसका पंप उतारकर उसके स्थान पर फायर वाहन को शव वाहन में परिवर्तित किये जाने का निर्णय लिया गया।
- परिषद के द्वारा विभिन्न शापिंग काम्प्लेक्सो के नाम भी आज विचार विमर्श कर रखे गये, जो इस प्रकार है –
बस स्टेण्ड पर चंद्रशेख आजाद काम्प्लेक्स (पूर्व से ही नाम रखा है)
जिन काम्प्लेक्सो के नाम अभी तक नही रखे गये थे उनका नाम इस प्रकार रखा गया:- - बस स्टेंड स्थित दुसरे शापिंग काम्प्लेक्स का नाम- महात्मा गांधी शापिंग काम्प्लेक्स।
- बस स्टेंड स्थित तीसरे शापिंग काम्प्लेक्स का नाम- एपीजे अब्दुल कलाम शापिंग काम्प्लेक्स।
- सुभाष मार्ग स्थित शापिंग काम्प्लेक्स का नाम-सुभाष चंद्र बोस शापिंग काम्प्लेक्स।
- पशु गुजरी स्थित शापिंग काम्प्लेक्स का नाम- शहीद भगतसिंह शापिंग काम्प्लेक्स।
- अयोध्या बस्ती स्थित शापिंग काम्प्लेक्स का नाम – डा.भीमराव अम्बेडकर शापिंग काम्प्लेक्स।