Northern Railway: निराकरण सेल में ऑफिसर गायब, कुर्सी पर बैठता है चपरासी

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Northern Railway: प्रयागराज उत्तरी रेलवे (Northern Railway) में निराकरण विभाग में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। मोती लाल मिश्रा उत्तरी रेलवे (Northern Railway) में मुख्य कार्यालय अधीक्षक निराकरण सेल में बतौर अनुभाग इंचार्ज कार्यरत हैं। खबर तो यह है कि मोती लाल मिश्रा अपनी कुर्सी पर अनुभाग इंचार्ज के रूप में कभी भाड़े पर प्राइवेट व्यक्ति से काम कराते हैं तो कभी अन्य विभागीय कर्मचारी को बिठाकर। वो खुद निराकरण सेल की विंडो पर नहीं बैठते हैं।

मामले की होगी जांच

सीनियर DPO मनीष कुमार खरे के कार्यालय में मोती लाल मिश्रा ने अपनी कुर्सी पर अनुभाग इंचार्ज के रूप में चपरासी ओम प्रकाश से काम ले रहे हैं। निराकरण सेल जैसे महत्वूर्ण विंडो पर खुद न बैठकर अन्य ग्रुप डी कर्मचारी ओमप्रकाश को बिठाकर स्वयं गायब रहने का सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद इसकी शिकायत उत्तरी रेलवे (Northern Railway) के महाप्रबंधक सतीश कुमार से की गई है। महाप्रबंधक ने इस मामले की जांच बैठा दी है।

निराकरण सेल की एकल खिड़की

खबर है कि ऐसा एक दो दिन से नहीं वरन महीनों से चल रहा है। नेम प्लेट और कुर्सी मुख्य कार्यालय अधीक्षक निराकरण सेल की लगी रहती है पर उनकी जगह किराए का कर्मचारी या ओमप्रकाश चपरासी बैठकर काम करता है। वो खुद दिनभर कुर्सी से गायब रहते हैं। उत्तर मध्य रेलवे के प्रयागराज मंडल में कार्यरत 35 हजार कर्मचारियों की पेंशन, वेतन, प्रमोशन, कल्याणकारी योजनाओं आदि से संबंधित शिकायतों और समस्याओं के लिए यह एकल खिड़की बनाई गई है। इसमें करीब 8 कर्मचारी बैठते हैं। यह दफ्तर डीआएम ऑफिस के गेट से लगा हुआ है। इस कार्यालय में अधीक्षक के तौर पर मोती लाल मिश्रा कार्यरत हैं। आरोप है कि वह दिनभर अपनी कुर्सी पर नहीं बैठते हैं। सीनीयर डीपीओ मनीष कुमार खरे के अधीन यह कार्यालय काम करता है। आरोप है कि जानकारी होने और शिकायत के बाद भी जब मोती लाल मिश्रा पर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो कर्मचारियों ने रेल मिनिस्टर, जीएम एनसीआर, डीआरएम व विजिलेंस डिपार्टमेंट से इस मामले की शिकायत की है।

अवैध तरीके से धन वसूली

कर्मचारयों ने आरोप लगाया है कि मोती लाल मिश्रा अपने सीनियर DPO की शह पर अवैध तरीके से कर्मचारियों से धन वसूल रहे है। कर्मचारियों ने निराकरण सेल की एक सीसीटीवी का फुटेज का उदाहरण भी सबूत के तौर पर प्रेषित किया है, जिसमें मोती लाल मिश्रा की कुर्सी पर बैठकर अन्य डी ग्रुप कर्मी ओमप्रकाश डीलिंग कर रहा है। कर्मचारियों ने मोती लाल मिश्रा के कुर्सी से गायब रहने और निराकरण सेल में व्याप्त भ्रष्टाचार के आरोपों की निष्पक्ष जांच की मांग की है।

भ्रष्टाचार का अरोप

मेडिकली डीकैटेगराइज रेलवे लोकोपायलट और कर्मचारियों का समायोजन उसी विभाग में न कर नियम विरुद्ध रूप से अन्य विभागों में किया जा रहा है, जिससे कर्मचारियों की पदोन्नति प्रभावित हो रही है और वाणिज्य विभाग में पदोन्नति कोटा के पद से अधिक कर्मचारी पदस्थापित हो गए हैं। इसमें भी कर्मचारियों ने भ्रष्टाचार का अरोप लगाते हुए जीएम से निष्पक्ष जांच कराए जाने की मांग की है।

सुविधानुसार कराया जाता है काम

हालांकि उत्तरी रेलवे के मुख्य जन संपर्क अधिकारी सुधांशु उपाध्याय का कहना है कि जिस रेलवे कर्मचारी को बाहरी बताया जा रहा है दरअसल वो हमारा ही ग्रुप डी का कर्मचरी ओम प्रकाश है। 12 बीट है और तीन काउंटर है। ऐसे में जिसकी जहां जरूरत होती है उसे बैठाकर काम कराया जाता है। इसमें कुछ भी नियम विरुद्ध नहीं है।