Gyanvapi Survey Case में मुस्लिम पक्ष को कोर्ट से मिला बड़ा झटका

बृहस्पतिवार से ज्ञानवापी में सर्वे का काम मसाजिद कमेटी के विरोध के कारण रुका था। अब, अदालत के आदेश के बाद सर्वे शुरू हो सकेगा।

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ज्ञानवापी सर्वे मामले (Gyanvapi Survey Case) में मुस्लिम पक्ष यानी अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी को बड़ा झटका लगा है। ज्ञानवापी के सर्वे और उसकी रिपोर्ट तैयार करने के लिए समयसीमा बढ़ाए जाने की भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की अर्जी अदालत ने मंजूर कर ली है। जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने आठ सप्ताह यानि 56 दिन के अतिरिक्त समय देने का आदेश दिया है। बृहस्पतिवार से ज्ञानवापी में सर्वे का काम मसाजिद कमेटी के विरोध के कारण रुका था। अब, अदालत के आदेश के बाद सर्वे शुरू हो सकेगा।

जिला जज की अदालत ने ज्ञानवापी सर्वे व उसकी रिपोर्ट दाखिल करने के लिए दो सितंबर की तिथि तय की थी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। दो सितंबर को एएसआई ने अदालत से ज्ञानवापी का सर्वे 56 दिन आगे बढ़ाने की अनुमति मांगी। बीते सोमवार को अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने दाखिल आपत्ति में कहा कि मलबा हटाने और एक जगह इकट्ठा करने से मस्जिद के गिरने का खतरा है। उस दिन वकीलों की हड़ताल के कारण सुनवाई नहीं हुई थी।

शुक्रवार को एएसआई के आवेदन पर जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में सुनवाई हुई। दोनों पक्ष की दलीलें सुनने के बाद अदालत का आदेश एएसआई के पक्ष में आया।