मुरादाबाद: यात्रा को लेकर असम के सांसद का सपा सांसद ने किया समर्थन, “बोले बात में दम है”

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यूपी के मुरादाबाद (Muradabad) में समाजवादी पार्टी के सांसद एसटी हसन ने असम के सांसद बदरुद्दीन के बयान का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि जो बदरुद्दीन ने बयान दिया है उसका हम समर्थन करते हैं।

18 से 22 जनवरी तक यात्रा न करने को लेकर बदरुद्दीन ने दिया था बयान

उत्तर प्रदेश के अयोध्या (Ayodhya) में 22 जनवरी को भगवान राम के मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान प्राण प्रतिष्ठा के दिन भारी संख्या में लोग अयोध्या में पहुंचेंगे। इन सब को लेकर असम के सांसद बदरुद्दीन अजमल ने एक बयान दिया था और कहा था कि सभी मुस्लिम समुदाय के लोगों से अपील की जा रही है कि वह 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम से पहले आप 18 जनवरी से लेकर 22 जनवरी तक ट्रेन, बस मे सफर बिल्कुल ना करें। क्योंकि सफर के दौरान कुछ लोग आपको शरारती तत्व मिल सकते हैं जो माहौल खराब करने की कोशिश कर सकते हैं। ऐसे में आप लोग सावधानियां बढ़ाते हैं और बातों पर अमल करें। बदरुद्दीन के बयान पर मुरादाबाद (Muradabad) से समाजवादी पार्टी के सांसद एसटी हसन ने समर्थन किया और कहा कि उनकी बात में दम है।

बदरुद्दीन का सपा सांसद ने किया समर्थन

समाजवादी पार्टी के सांसद एसटी हसन ने बदरुद्दीन के द्वारा दिए गए बयान का समर्थन करते हुए कहा है कि देखिए में समझता हुँ एहतियात जरूरी है क्योंकि बसों और ट्रेनों में कुछ सरफिरे लोग चलते है आज भी इसके हमारे पास एग्जामपिल है की दाढ़ी वाले मुसलमानो को ट्रेनों को टॉर्चर किया गया है ट्रेनों के अंदर भी और बसों के अंदर भी तो ऐसा काम ही क्यों करें जिससे अपनी बेज्जती हो वही मथुरा की शाही मस्जिद पर आए कोर्ट के फैसले पर पूछे गए सवाल पर डॉ एसटी हसन ने कहा की देखिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हम स्वागत करते है हम जानते है इस वक्त देश का क्या माहौल है लोग जबान से कुछ कहे न कहे लेकिन हिंदुस्तान की दो बड़ी आबादियों के बीच मे नफरतों की सियासत करके सिंघासन हासिल करना चाहते है। वही बसपा सुप्रीमो मायावती द्वारा अकेले चुनाव लड़ने वाले बयान पर बोले कि वो देश और प्रदेश की बड़ी नेता है हम उन पर क्या टिपणी कर सकते है वो तो पहले से अकेले चुनाव लड़ने के लिए कह रही थी वही कांग्रेस द्वारा राम मंदिर निमंत्रण ठुकराने के मामले पर बोले देखिए ये प्राण प्रतिष्ठा नही हो रही है ये एक सियासत हो रही है चारों शंकराचार्य ने भी तो मना कर दिया वो नही जाएंगे ये प्राण प्रतिष्ठा किंस तरह से हो रही है क्या सियासी लोग ये सब काम करेंगे ये तो हिन्दू भाई तय करे कि रामचन्द जी की यही शिक्षा थी की मस्जिदे तोड़ दे लोगो को मार दे फसाद पैदा कर दो उसके बाद वहा मंदिर बना दो क्यो नही सब कुछ प्यार मोहब्बत से किया जा सकता था।