जैसा कि भारतीय ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री ने बिक्री में बढ़ोतरी के साथ ही ग्रोथ स्टोरी को फिर से दर्ज करना शुरू कर दिया है, ऐसे में भारतीय कार सर्विसिंग इंडस्ट्री भी भविष्य के रूझानों के साथ अपनी विकास गाथा लिखने के लिए तैयार है। मल्टी ब्रांड कार सर्विस की मांग पूरे देश में समान तौर पर बढ़ रही है।
उत्पादन और बिक्री के बढ़ते आंकड़ें
ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 7 प्रतिशत का योगदान देती है। 2021 में ऑटोमोबाइल सेक्टर का उत्पादन 92 मिलियन था और 2021 के अंत तक इंडस्ट्री का कारोबार 2 ट्रिलियन डॉलर होने की उम्मीद है और 2021 तक बेची जाने वाली कारें 75 मिलियन तक हो जाएंगी। इसके साथ ही, वित्त वर्ष 15 से वित्त वर्ष 20 के दौरान सीएजीआर 36.4 प्रतिशत था। नतीजतन, देश में इस बड़ी कार आबादी की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए कार सर्विसिंग बिजनेस तेजी से गति पकड़ रहा है।
आइए मल्टी ब्रांड कार सर्विस इंडस्ट्री के उज्ज्वल भविष्य को निर्धारित करने वाले प्रमुख कारकों को समझते हैंः
भारत में पोस्ट वॉरंटी कारों की बढ़ती संख्या
भारत के ऑटोमोटिव इंडस्ट्री में वॉरंटी के बाद कारों की संख्या में बढ़ोतरी की प्रवृत्ति देखी जा रही है, जिसके परिणामस्वरूप यह भारत में मल्टी ब्रांड कार सर्विस कंपनियों के लिए उच्च मांग पैदा कर रहा है। बाजार अनुसंधान के आंकड़ों से पता चलता है कि 65 प्रतिशत पोस्ट वॉरंटी कारें भारत में मल्टी ब्रांड सर्विस सेंटरों में सर्विस करवाने के लिए आती हैं, जबकि केवल 35 प्रतिशत पोस्ट वॉरंटी यूजर्स अधिकृत सर्विस सेंटरों पर वापस जाते हैं।
इस लगातार बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए, मल्टी ब्रांड कार सर्विसिंग स्टेशन, लागत प्रभावी लेकिन उच्च गुणवत्ता की रिपेयर सर्विसेज प्रदान करते हैं। यह अधिकृत कार सर्विस सेंटर की तुलना में 40 प्रतिशत कम ऑफर करता है। इसलिए वॉरंटी के बाद की अवधि के दौरान उपभोक्ताओं के लिए मल्टी ब्रांड सर्विस सेंटर्स को अपनाना एक प्रमुख कारण है। वित्त वर्ष 20 से वित्त वर्ष 25 की पूर्वानुमान अवधि के दौरान वॉरंटी के बाद कारों की संख्या में 3 प्रतिशत की सीएजीआर देखने का अनुमान है।
यूज्ड कारों की बिक्री में आ रही बढ़ोतरी
भारत ने 2.7 मिलियन नई कारों की तुलना में वित्त वर्ष 2011 में लगभग 44 मिलियन पुरानी कारों की बिक्री की। साथ ही, पुरानी कारों की बिक्री वर्तमान में नई कारों की बिक्री की तुलना में 1.5 गुना अधिक है, आने वाले वर्षों में यह अंतर और बढ़ना तय है। इसके अलावा पुरानी कारों का बाजार भी 2025 तक 8 मिलियन को पार होने का अनुमान है।
इसके अलावा, फोर-व्हीलर की मांग में बढ़ोतरी होना लगातार जारी रहेगा और ये मुख्य रूप से कई कारकों से प्रेरित होगा जैसे कि वायरस फैलने की चिंता सबसे प्रमुख कारण है। वहीं टियर 2 और 3 शहर बड़े पैमाने पर बिक्री में योगदान देंगे। अपनी कार होने का बढ़ता रूझान और आसान फाइनेंस विकल्पों के उपलब्ध होने के कारण, मोबिलिटी की अधिक आवश्यकता और साथ ही कम से कम एक कार के मालिक होने की इच्छा, जो शायद अभी भी कारों की बिक्री बढ़ाने वाले सबसे बड़े कारकों से एक है। पुरानी कारों की बिक्री में यह गिरावट कार की औसत आयु में वृद्धि का संकेत देगी, जो इसलिए इससे संबंधित बाजार के विकास को प्रभावित करेगी जो कि कार सर्विस बाजार है।
भारत में मल्टी ब्रांड सर्विस सेंटर में नई नई टेक्नोलॉजी का उपयोग
भारत कार सर्विस बाजार भी ऑटो-टेक सर्विसिंग स्टार्टअप्स के लगातार उभार का अनुभव कर रहा है, जिसके परिणामस्वरूप व्हीकल सर्विस के विशाल पर असंगठित कार रिपेयर गैरेज वर्ग में तेजी से बदलाव आ रहा है और ये संगठित हो रहा है। अत्याधुनिक तकनीक को अपनाना मल्टी-ब्रांड नेटवर्क के लिए समय से आगे रहने के बढ़ते रूझान का एक साक्षात प्रमाण है।
भरोसे पर बड़ा दांव
कंपनियां उपभोक्ताओं के लिए ऐप-आधारित ट्रैकिंग, लाइव अपडेट, कस्टमाइज्ड सर्विसेज और कम्युनिकेशन, ट्रांसपेरेंसी, स्पेयर पार्ट्स का ऑर्डर देने, असली ओईएम और ओईएस फ्लेक्सिबल स्पेयर पार्ट्स के साथ कार सर्विसेज पर वॉरंटी की पेशकश करने के लिए तालमेल बिठा रही हैं। सभी शुल्कों के साथ पूर्ण पारदर्शिता और जिम्मेदारी एक और लाभ है। साथ ही इस इंडस्ट्री में खिलाड़ियों द्वारा टेक्नोलॉजी के उपयोग और अपनाने में वृद्धि सेवाओं की अधिक परेशानी मुक्त उपलब्धता को आसान बना रही है।
एक आशाजनक भविष्य
भारत में बिक्री के बाद कार सर्विस बाजार में कोविड-19 ने पिछले वर्ष में एक बड़ा बदलाव देखा है। इसके साथ ही साल 2022 एक उज्जवल भविष्य का निर्माण करेगा क्योंकि इंडस्ट्री विकास पथ पर है।
इस जगह पर काम कर रहे स्टार्ट-अप लोकप्रियता और स्वीकृति में वृद्धि की प्रवृत्ति को देखना जारी रखेंगे, खासकर मिलेनियल्स के बीच।
एक्सीलेंस, उपयोग में आसानी और पूर्ण सुविधा जैसे सिंक्रराइजिंग कारक इन स्टार्ट-अप को एक प्रतिस्पर्धात्मक लाभ दे रहे हैं और वे और अधिक बढ़ने के लिए इन तत्वों पर सवार हैं।
वर्ष 2021 में पूरी तरह से तकनीक से संचालित मल्टी ब्रांड कार र्सिर्वस प्लेटफॉर्म्स बेहद शानदार अनुभव प्रदान करने वाले प्रयास रहे हैं। यहां तक कि इनका भविष्य भी आशाजनक है क्योंकि डेटा विश्लेषकों का अनुमान है कि ऑटो सर्विसिंग सेक्टर 2025 तक काफी बेहतर स्थिति में होगा।