मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) और उसके गुट के 12 लोगों के खिलाफ पुलिस ने बुधवार को गैंगस्टर कोर्ट में आरोप-पत्र दाखिल कर दिया है| पुलिस ने मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) और उसके गुर्गों को जेल में कैद रहने के दौरान हत्या, अपहरण व धार्मिक उन्माद फैलाने के साथ अवैध कब्जे करवाने का दोषी पाया गया है।
इस दौरान नौ आरोपी अदालत में हाजिर हुए। अन्य बचे हुए आरोपियों को भी नोटिस भेजी गयी है| कोर्ट की अगली सुनवाई 19 जनवरी तय की गयी है।
मुख्तार अदालत जाने के लिए निजी एंबुलेंस का इस्तेमाल करता था
पंजाब जेल में कैद रहने के दौरान मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) अदालत जाने के लिए निजी एंबुलेंस (यूपी 41 एटी 7171) का उपयोग करता था। यह एंबुलेंस बाराबंकी के एआरटीओ कार्यालय [ARTO office] में 21 मार्च, 2013 में रजिस्टर्ड कराई गई थी।
31 मार्च, 2021 को मामला चर्चा में आने पर कोतवाली नगर पुलिस ने दो दिन बाद मऊ के श्याम संजीवनी अस्पताल की संचालिका डॉ. अलका राय पर जालसाजी का मुकदमा लिखा था। इसके बाद 25 मार्च, 2022 को मुख्तार समेत 13 लोगों के खिलाफ गैंगस्टर का केस दर्ज हुआ था। इसमें जेल में रहकर हत्या और अपहरण के आरोप की धारा बढ़ाई गई थी।
मुकदमे में मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) के अलावा डॉक्टर अलका, डॉ. शेषनाथ राय, राजनाथ यादव, आनंद यादव, सुहैब मुजाहिद, सलीम, जाफरी, सुरेंद्र शर्मा, शाहिद, फिरोज कुरैशी, अफरोज खां व अन्य को आरोपी बनाया गया था।