सांसद विक्रमजीत साहनी ने शुरू किया “सिख्या लंगर आंदोलन”

अकाल तख्त जत्थेदार साहिब ने गोलमेज सम्मेलन की अध्यक्षता की।

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MP Vikramjeet Sahni

पंजाब (Punjab) से राज्यसभा सांसद विक्रमजीत सिंह साहनी (MP Vikramjeet Sahni) ने जत्थेदार अकाल तख्त साहिब के संरक्षण और भारत के विभिन्न हिस्सों से पचास से अधिक सिंह सभा गुरुद्वारा समितियों के प्रमुखों और कई सिख इतिहासकारों, दार्शनिकों और शिक्षाविदों की गरिमामय उपस्थिति में आज अमृतसर में एक गोलमेज सम्मेलन की सन फाउंडेशन के मल्टी स्किल डेवलपमेंट सेंटर, कबीर पार्क में मेजबानी की।

श्री साहनी (MP Vikramjeet Sahni) ने कहा कि आज सिंह साहिब रघुबीर सिंह जी जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब के तत्वावधान में हमने “सिख्या लंगर आंदोलन” शुरू किया है । आज हुए गोलमेज सम्मेलन में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि, इस आंदोलन का एजेंडा सिखों को नौकरियों के लिए कौशल प्रदान करना है। नौकरियों के लिए मजबूत औद्योगिक जुड़ाव के साथ देश भर के विभिन्न गुरुद्वारों में कौशल विकास केंद्र स्थापित करके युवाओं को रोजगार कौशल और नौकरियां मिल सकें, ताकि सिख युवा अपने मूल शहरों में ही रोजगार प्राप्त कर सकें।

श्री साहनी ने कहा कि हमने सम्मेलन में सर्वसम्मति से पांच प्रस्ताव पारित किये-

  • प्रत्येक गुरुद्वारे को अपने बजट का 15% से 25% शिक्षा के लिए आवंटित करना चाहिए।
  • प्रत्येक गुरुद्वारे में एक शिक्षा समिति होनी चाहिए।
  • प्रत्येक गुरुद्वारे को इस फंड के खर्च के लिए एक दिशानिर्देश बनाना चाहिए, एवं इस फंड से स्कूल छोड़ने वाले छात्र और उच्च शिक्षा पर विशेष ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
  • प्रत्येक गुरुद्वारे को एक कौशल केंद्र बनाने का प्रयास करना चाहिए।
  • इन कौशल विकास केंद्रों के पूंजीगत व्यय का 20% श्री विक्रमजीत सिंह साहनीद्वारा भुगतान किया जाएगा।

श्री साहनी (MP Vikramjeet Sahni) ने यह भी कहा कि सन फाउंडेशन एक विषय विशेषज्ञ के रूप में इस आंदोलन के साथ साझेदारी करेगा। उन्होंने कहा कि हमने 30 से अधिक कौशल पाठ्यक्रमों के लिए अलग-अलग मॉड्यूल बनाए हैं, जिन्हें गुरुद्वारों में युवाओं को पेश किया जा सकता है। राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के सहयोग से गुरुद्वारे में प्रत्येक कोर्स के लिए सभी पाठ्यक्रम भी प्रदान करेंगे। वे हमें चिंहित करके बता सकते हैं कि वे अपने संबंधित गुरुद्वारे में कौन से पाठ्यक्रम शुरू करना चाहते हैं और हम कौशल केंद्र की स्थापना और संचालन में उनकी सहायता करेंगे।

इसके साथ ही श्री साहनी ने यह भी घोषणा की कि वह कौशल केंद्र की स्थापना के लिए प्रत्येक गुरुद्वारे में पूंजीगत व्यय का 20% योगदान देंगे। श्री साहनी ने आगे कहा, “इतिहास हमें बताता है कि सिख विश्व के सबसे मेहनती और स्वाभिमानी कौम हैं। अगर हम अपने युवाओं को सही अवसर और मंच प्रदान करेंगे, तो उनमें चमत्कार करने की क्षमता है और मैं इसे अपने युवाओं को प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हूं।”

श्री साहनी ने कहा कि मौजूदा आंकड़े बताते हैं कि वर्तमान में पंजाब में केवल 56 लाख परिवार हैं और हर साल एक लाख से अधिक युवा बसने के इरादे से विदेश जा रहे है, लेकिन उनके पास कोई रोजगार नहीं है। अब समय आ गया है कि हम अपने युवाओं की चिंताओं को दूर करने के लिए और उनकी बेहतरी के लिए मंच उपलब्ध कराएं एवं एक ऐसा माहौल सुनिश्चित करें जहां उन्हें नौकरियों के लिए आवश्यक शिक्षा और कौशल विकास द्वारा नेतृत्व करने और समृद्ध होने के लिए प्रेरित किया जा सके।

श्री साहनी ने सभी शहरों के सिख उद्योगपतियों से भी अपने पास के संबंधित गुरुद्वारों में शिक्षा कोष में योगदान देने की भी अपील की।