आध्यात्मिक होना कोई वैकल्पिक बात नहीं होती, हर वह इंसान जो एक क्वालिटी लाइफ जीना चाहते है, जिसे एक घटिया और बेईमानी से भरा जीवन जीना पसंद नहीं है। किसी भी आध्यात्मिक प्रक्रिया को शुरू करने का सर्वश्रेष्ठ तरीका यह है कि उसे एक खास समय तक बिना किसी शर्त के पूरी निष्ठा व प्रतिबद्धता के साथ किया जाए। इस दौरान आपको किसी तरह की तथाकथित आध्यात्मिक प्रगति का महसूस होना जरूरी नहीं है।
क्यों जरूरी है आध्यात्मिक होना ?
जीवन में प्रेम, शांति पाने के लिए आध्यात्मिक होना बेहद जरूरी है। यदि जीवन में प्रेम की कमी है और अशांति है तो जीवन जीना ही दूभर हो जायेगा। अतः आध्यात्मिक होना कोई चॉइस नही है, ठीक उसी तरह जैसे सांस लिए बिना जिया नही जा सकता इसी तरह प्रेम के बिना जीवन बेबस और मजबूरी भरा होता है।
आध्यात्मिक कैसे बनें?
कभी भी, किसी भी परिस्तिथि में, किसी भी आयु में आपकी आध्यात्मिक बनने की यात्रा आज और अभी से शुरू हो सकती है। यदि आपकी हार्दिक इच्छा आध्यात्मिक बनने की है तो आज ही आप निम्नलिखित बातों को समझने के बाद जीवन में उनपर अमल करके एक आध्यात्मिक इन्सान बन सकते हैं।
सत्य के खोजी बनो।
एक धार्मिक व्यक्ति ईश्वर, भगवान पर यकीन रखता है और रीती रिवाज, मान्यताओं पर विश्वास कर उनका पालन करता है, दूसरी तरफ आध्यात्मिक व्यक्ति का कोई गॉड, ईश्वर नहीं होता वह सिर्फ सत्य को पूजता है, सच्चाई के आगे सर झुकाता है। तो अगर आपके अन्दर वह जिज्ञासा, साहस और प्रेम है जिससे आप किसी बात को यूँ ही मानने की अपेक्षा उसका पूरा सच जानने का प्रयास करे तो आप आध्यात्मिक बन सकते हैं।
मूल समस्या को समझें।
कई लोगों को लगता है आध्यात्मिक बनने से जीवन में कुछ विशेष शक्तियाँ आ जाती है, इंसान के जीवन से दुःख परेशानी हट जाती है और उसकी हर समस्या का समाधान उसको स्वयं मिल जाता है। जी हाँ, इसी सोच के साथ लोग आध्यात्मिक इंसान बनने में रूचि रखते हैं। पर सच्चाई यह है की आपके जीवन में जो भी समस्याएं चल रही हैं, अध्यात्म जादू की तरह उन्हें खत्म नहीं कर देगा।
ऊँचे हार्दिक कार्य का चुनाव करें।
आध्यात्मिक बनने के सफ़र में अगला कदम यह है की एक बार अपने जीवन में सुलझ गए, एक बार अपनी मुसीबतों से बाहर आ गए। एक बार देख लिया की अध्यात्म ने, सच्चाई ने मेरे जीवन में प्रकाश फैलाया है तो अब बारी है जीवन में ऐसा करने की जिसे करके आपका जीवन सार्थक हो जाये। एक आध्यात्मिक व्यक्ति की यही खूबी होता है चूँकि वह आत्मज्ञानी होता है इसलिए वह जीवन में ऐसा काम करने का बीड़ा उठाता है जिससे देश और दुनिया का भला होता है।