हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को अहोई अष्टमी या अहोई आठे के नाम से जाना जाता है। ये व्रत सभी माताएं अपने संतान के लिए रखती हैं। इस दिन व्रत करने की विधि बिल्कुल करवा चौथ जैसी होती है, लेकिन इस दिन चांद को अर्घ्य ना देकर तारों को अर्घ्य दिया जाता है। महिलाएं पूरे दिन अपने संतान की लंबी उम्र की कामना करते हुए व्रत रखती हैं और रात को अर्घ्य देने के बाद पारण करती हैं। इस साल अहोई अष्टमी के दिन दो शुभ योग बन रहे हैं।
इस दिन व्रती महिलाओं के लिए अर्घ्य देकर व्रत खोलने के लिए तारों को देखने का समय शाम 05 बजकर 58 मिनट से शुरू होगा। इस साल अहोई अष्टमी के दिन दो शुभ योग बन रहे हैं। सबसे पहले रवि पुष्य योग और दूसरा सर्वार्थ सिद्धि योग। इनमें किसी भी काम को करना बहुत शुभ माना जाता है। अगर बात करें शुभ मुहूर्त कि तो अष्टमी तिथि की शुरुआत 4 नवंबर 2023 को रात 12:59 बजे से हो रही हैं। और इस तिथि का समापन 5 नवंबर 2023 को रात 3:18 बजे होगा।
इस साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 5 नवंबर 2023, रविवार को है। इस दिन महिलाएं अपनी संतान के लिए अहोई अष्टमी का व्रत रख सकती है।अहोई अष्टमी का हिन्दू ग्रंथों में बहुत महत्तव बताया गया है। इस व्रत को करने से संतान की उम्र लंबी होती है और उसके सफलता के रास्ते खुलते हैं। इस दिन मां पार्वती, महादेव और पूरे शिव परिवार की पूजा की जाती है। इस दिन व्रत के कथा को सुनते समय अपने हाथों में 7 अलग प्रकार के अनाज रखने चाहिए। भगवान को लगाएं भोग को पूजा करने और अर्घ्य देने के बाद सबसे पहले अपने बच्चे को खिलाएं।