गुजरात के मोरबी में हुए पुल हादसे में करीब 135 लोगो की जान चली गई थी। जहां लोगो के मौत होने के महज तीन महीने बाद ओरेवा ग्रुप के प्रमोटर तथा अजंता मैन्युफैक्चरिंग लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर जयसुख पटेल का नाम मुख्य अभियुक्त के तौर पर चार्जशीट में डाला गया है।
जयसुख पटेल घटना के बाद से लापता हैं, और गिरफ़्तारी के लिए वारंट पिछले सप्ताह जारी किया गया था। जयसुख पटेल ने 16 जनवरी को गिरफ़्तारी के डर से कोर्ट में अग्रिम ज़मानत की अर्ज़ी दाखिल की थी।
1,262 पन्नों की चार्जशीट में जयसुख पटेल को प्रमुख अभियुक्त बनाया गया है।
‘अजंता’ ब्रान्डनेम से दीवार घड़ियां बनाने के लिए जानी जाने वाली कंपनी ओरेवा ग्रुप को मोरबी में मच्छू नदी पर 100 साल पहले बनाए गए इस पुल का जीर्णोद्धार करने, उसे संचालित करने और रखरखाव करने का ठेका दिया गया था। इसे दोबारा खोले जाने के चार दिन बाद 30 अक्टूबर को यह गिर गया था।
सरकार द्वारा बनाई गई स्पेशल इन्वेस्टिगेटिंग टीम (SIT) ने ओरेवा ग्रुप द्वारा मरम्मत, रखरखाव और संचालन में कई गड़बड़ियां किए जाने का ज़िक्र किया। जिनमें एक वक्त में पुल पर जाने वालों की तादाद में पाबंदी नहीं लगाया जाना शामिल था। इसके अलावा टिकट की बिक्री पर भी कोई पाबंदी नहीं लगाई गई थी। जिसके चलते पुल पर आने-जाने वालों की तादाद पर कोई रोक नहीं रही।
अब तक, इस केस में नौ लोगों को गिरफ़्तार किया गया है, जिनमें सब-कॉन्ट्रैक्टर, टिकट क्लर्क के तौर पर काम करने दिहाड़ी कामगार तथा सिक्योरिटी गार्ड शामिल है।