मणिपुर में फिर से उपद्रवियों ने मचाया तांडव, पिता-पुत्र समेत तीन लोगों की हत्या

पुलिस ने कहा, 'फौगाकचाओ और क्वाक्टा के आसपास राज्य के सुरक्षा बलों और उपद्रवियों के बीच गोलीबारी होने की भी खबरें हैं।'

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मणिपुर (Manipur) के बिष्णुपुर (Bishnupur) जिले में शुक्रवार देर रात उपद्रवियों ने पिता-पुत्र समेत तीन लोगों की हत्या कर दी। पुलिस ने शनिवार सुबह बताया कि जिले के क्वाक्टा इलाके में तीनों लोगों को सोते समय गोलियां मारी गईं और फिर उन पर तलवार से हमला किया गया। पुलिस के अनुसार, हमलावर चुराचांदपुर से आए थे। उन्‍होंने कहा, ‘तीनों मृतक एक राहत शिविर में रह रहे थे, लेकिन स्थिति में सुधार होने के बाद वे शुक्रवार को क्वाक्टा में अपने घर लौट गए थे।’

पुलिस के मुताबिक, घटना के तुरंत बाद गुस्साई भीड़ क्वाक्टा में जमा हो गई और चुराचांदपुर की तरफ बढ़ने लगी, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उसे रोक दिया। पुलिस ने कहा, ‘फौगाकचाओ और क्वाक्टा के आसपास राज्य के सुरक्षा बलों और उपद्रवियों के बीच गोलीबारी होने की भी खबरें हैं।’

मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में तीन मई को ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद राज्य में भड़की जातीय हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य में मेइती समुदाय की आबादी करीब 53 प्रतिशत है और वे मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं। वहीं, नागा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है और वे अधिकतर पर्वतीय जिलों में रहते हैं।