Meerut: उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले (Meerut) के देहात इलाके में 10 साल पहले जेल से छूटकर आये हिस्ट्रीशीटर की बेरहमी से हत्या कर दी गयी है। पुलिस का कहना है कि उसके सिर पर तब तक वार किए गए जब तक वह मर नहीं गया। सुबह के वक्त ट्यूबवेल के पास कमरे में हिस्ट्रीशीटर का शव मिलने से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई। पुलिस हत्या के कारणों और हत्यारे की जांच कर रही है। इस कत्ल को लेकर गांव में चर्चाओं का बाजार गर्म है।
आपको बता दे कि मृतक हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र उर्फ कालू मेरठ (Meerut) के रोहटा थाना इलाके के चिंदौड़ी गांव का रहने वाला था। वीरेंद्र उर्फ कालू पश्चिमी यूपी के कुख्यात और जेल में बंद योगेश भदौड़ा गैंग में भी शामिल रहा था। वीरेंद्र उर्फ कालू की लोगों में दहशत थी। स्थानीय लोगों ने बताया कि हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र उर्फ कालू रात के वक्त ट्यूबवेल पर सो रहा था। सुबह ट्यूबवेल के पास कालू का खून से लथपथ शव पड़ा देखकर लोग दंग रह गये। शव देखकर लग रहा था कि उसकी बड़ी बेरहमी से हत्या की गई है। उसके सिर पर कई जगह घाव के निशान थे, जो उसकी बेरहमी से की गयी हत्या की गवाही दे रहे थे।
कहावत है कि दुश्मन खत्म हो जाते हैं लेकिन दुश्मनी जिन्दा रहती है। यही बात वीरेंद्र उर्फ कालू पर भी लागू हुई। उसने कभी सोचा भी नहीं होगा कि रात के अंधेरे में कोई उसकी यूं हत्या कर देगा। दरअसल, 1992 और 1993 में वीरेंद्र उर्फ कालू का इलाके में खौफ हुआ करता था। करीब 10 साल पहले वह जेल से छूटकर बाहर आया तो उसने अपराध से नाता तोड़ दिया और गांव में ही अपना बसेरा बना लिया। पिछले कई सालों से उसके खिलाफ न तो कोई मुकदमा दर्ज हुआ और न उसने कोई अपराध ही किया।
मौके पर पहुंचे एसपी
चिंदौड़ी गांव में हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र उर्फ कालू की हत्या की सूचना मिलते ही एसपी देहात कमलेश बहादुर पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और शव को हिरासत में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया। एसपी देहात कमलेश बहादुर ने बताया कि कालू हिस्ट्रीशीटर था और उस पर लूट, हत्या, डकैती के 17 मुकदमे दर्ज थे। हत्या के कारणों का पता लगाने के लिए टीम गठित कर दी गई है।